Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Feb, 2024 06:42 AM
पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस बार माघ माह में यह व्रत आज 21 फरवरी, बुधवार को रखा जाएगा। माना जाता है कि इस दिन भोलेनाथ की पूजा करने से
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Pradosh Vrat 2024: पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस बार माघ माह में यह व्रत आज 21 फरवरी, बुधवार को रखा जाएगा। माना जाता है कि इस दिन भोलेनाथ की पूजा करने से मन की हर मनोकामना पूरी हो जाती है। साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। तो आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में-
Pradosh vrat auspicious time प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 फरवरी को सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी। यह अगले दिन यानी 22 फरवरी को दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में प्रदोष व्रत 21 फरवरी को रखा जाएगा। इस दिन पूजा का समय शाम 6.15 बजे से रात 8.47 बजे तक है।
Importance of pradosh vrat प्रदोष व्रत महत्व
माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन महादेव की पूजा और व्रत करने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन महादेव की उपासना करने से भगवान शिव अपने भक्तों को अखंड सौभाग्य का वरदान देते हैं। साथ ही जीवन में चल रही हर समस्या से छुटकारा मिलता है।
Pradosh vrat puja method प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन स्नान करने के बाद घर के मंदिर को साफ कर लें और गंगा जल छिड़ककर शुद्ध करें।
इसके बाद भोलेनाथ का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
इस दिन भगवान शिव की शाम को पूजा करने का विधान हैं, तो शाम को पूजा करें।
शिव जी की विधि-विधान के साथ पूजा करें और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं।
इसके बाद शिवलिंग पर कनेर का फूल, बेलपत्र और भांग चढ़ाएं।
अब शिव जी के मंत्रों का जाप करें और आरती करें।
शिव जी को फल, जौ के सत्तू और चूरमे का भोग लगाएं।
अंत में प्रसाद को बांट दें।