Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Jun, 2024 03:12 PM
सनातन धर्म में हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए बहुत ही शुभ और खास माना गया है। ज्येष्ठ महीने का दूसरा प्रदोष व्रत आज
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Pradosh Vrat 2024: सनातन धर्म में हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए बहुत ही शुभ और खास माना गया है। ज्येष्ठ महीने का दूसरा प्रदोष व्रत आज 19 जून को मनाया जा रहा है। बुधवार के दिन पड़ने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत भी कहा जा सकता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से मन की हर इच्छा पूरी होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। तो आइए जानते हैं ज्येष्ठ महीने के दूसरे प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि-
Pradosh Vrat 2024 auspicious time प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 19 जून को सुबह 07 बजकर 28 मिनट से होगी और त्रयोदशी तिथि की समाप्ति 20 जून को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर होगी।
Importance of Pradosh fast प्रदोष व्रत का महत्व
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। जो भी लोग इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करते है और व्रत रखते हैं। उनके जीवन में सुख-शांति का वास होता है। संसार की कोई भी ऐसी समस्या नहीं है, जिसका हल शिव पूजा से संभव न हो।
Pradosh Vrat Puja Vidhi प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
अब घर के मंदिर की साफ-सफाई करें और शिव जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
फिर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
इसके बाद शाम को दूध, दही, घी और गंगाजल मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।
भगवान शिव को शमी के फूल, धतूरा और बेलपत्र अर्पित करें।
अब शिव जी की पूर विधि-विधान से पूजा और आरती करें।
अंत में शिव जी को दही, फल और मिठाई का भोग लगाएं।