Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Mar, 2025 02:57 PM

Chaitra pradosh vrat 2025 Date: चैत्र माह का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा ? शुभ मुहूर्त के साथ जानें महत्व और पूजा विधि। जो व्यक्ति श्रद्धा व भक्ति से इस दिन पूजा-पाठ, मंत्र जाप या इच्छाओं की पूर्ति के लिए खास उपाय करता है, उसे मान-सम्मान और...
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Chaitra Pradosh Vrat 2025: चैत्र माह का पहला प्रदोष व्रत गुरुवार को रखा जाएगा इसलिए इसे गुरु प्रदोष कहा जाएगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का सरलतम माध्यम है। त्रयोदशी तिथि भगवान शिव की प्रिय तिथियों में से एक है। जो व्यक्ति श्रद्धा व भक्ति से इस दिन पूजा-पाठ, मंत्र जाप या इच्छाओं की पूर्ति के लिए खास उपाय करता है, उसे मान-सम्मान और धन-वैभव के साथ-साथ कुंडली के सभी दोषों से छुटकारा मिलता है।

Pradosh Vrat 2025 Muhurat प्रदोष व्रत डेट और मुहूर्त
चैत्र माह का पहला प्रदोष व्रत 27 मार्च, गुरुवार को रखा जाएगा इसलिए यह गुरु प्रदोष व्रत कहलाएगा। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 मार्च की रात्रि 1 बजकर 42 मिनट पर शुरु होगी और 27 मार्च की रात 11:03 पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में पूजा की जाती है इसलिए चैत्र माह का पहला गुरु प्रदोष व्रत 27 मार्च को रखा जाएगा।

Pradosh Vrat 2025 importance प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है और शिवभक्तों के लिए इस दिन का विशेष महत्व होता है। इस रोज व्रत रखने से भोले बाबा की कृपा बरसती है और मानव जीवन से संबंधित हर कष्ट नष्ट हो जाता है। व्यक्ति मान-सम्मान और वैभव का अधिकारी बनता है।

Pradosh Vrat 2025 puja vidhi पूजा विधि
सारे घर की साफ-सफाई करने के बाद गंगाजल छिड़कें। सफेद या बादामी रंग के वस्त्र पहनें। सफेद चंदन से तिलक करें। पूजा कक्ष की सफाई करें। अब उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके सफेद रंग के आसन पर बैठकर एक चौकी स्थापित करें, उस पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं। कपड़े पर स्वास्तिक बनाकर उस पर रोली, चंदन चढ़ाकर पूजा करें। चौकी पर भगवान शिव की प्रतिमा अथवा चित्रपट स्थापित करके उन्हें सफेद फूलों की माला पहनाएं। सरसों के तेल के 8 दीपक जला कर घर की आठों दिशाओं में रखकर उन्हें 8 बार नमस्कार करें। धूप दीप जलाएं। शिव जी के पंचाक्षर मंत्र और शिव चालीसा का जाप करें। भगवान शिव को भांग, धतूरा दूध और खीर का भोग लगा कर घर के सभी सदस्यों को बांटने के बाद खुद खाएं।

प्रदोष व्रत के दिन क्या करें, क्या न करें
नंदीश्वर यानि बछड़े को जल एवं दुर्वा खिलाएं।
नमक का सेवन न करें।
