Pradosh Vrat Katha: प्रदोष व्रत आज, इस कथा को सुनने मात्र से मिलेगा व्रत का फल

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Jan, 2023 07:07 AM

pradosh vrat katha

भोलेनाथ ही एक मात्र ऐसे देव हैं, जो अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। अगर भक्त भगवान को सच्चे मन से बुलाते हैं तो वह तुरंत उनके पास आ जाते हैं। आज 2023 में पड़ने वाला पहला प्रदोष व्रत है। बुधवार को पड़ने के कारण इसे

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Pradosh Vrat: भोलेनाथ ही एक मात्र ऐसे देव हैं, जो अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। अगर भक्त भगवान को सच्चे मन से बुलाते हैं तो वह तुरंत उनके पास आ जाते हैं। आज 2023 में पड़ने वाला पहला प्रदोष व्रत है। बुधवार को पड़ने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। यदि आज के दिन व्रत रख लिया जाए तो भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों की इछाओ को पूर्ण करते हैं। हर व्यक्ति के लिए व्रत कर पाना संभव नहीं होता तो आज के दिन कथा पढ़ने या सुनने से व्रत के समान फल प्राप्त किया जा सकता है।

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Pradosh Vrat Katha प्रदोष व्रत की कथा:
एक व्यक्ति का विवाह हुआ, उसकी पत्नी तीसरे दिन ही मायके चली गई। बहुत दिन बीत जाने के बाद पति पत्नी को लेने पहुंचा, उस दिन बुधवार था। जब वह वहां से अपनी पत्नी को ले जाने लगा तो उसके ससुराल वालों ने अपने दामाद को रोका और कहा बुधवार के दिन लड़की को विदा नहीं किया जाता। लेकिन उस व्यक्ति ने उनकी एक न मानी और वहां से अपनी पत्नी को लेकर निकल गया।

रास्ते में उसकी पत्नी को प्यास लगी और वो पानी पीने के लिए चली गई। बहुत देर बीत गई, जब पत्नी वापिस नहीं आई तो वो उसको देखने के लिए इधर-उधर भटकने लगा। जब उसने अपनी पत्नी को किसी दूसरे व्यक्ति से हंस-हंस कर बातें करते देखा तो उसे बहुत गुस्सा आया। वो जैसे ही अपनी पत्नी के पास पहुंचा तो उसने देखा की उसके जैसा ही हमशक्ल उसकी पत्नी के पास खड़ा है। उसकी पत्नी भी बहुत हैरान हुई। तभी वे दोनों आपस में लड़ने-झगड़ने लगे। तभी वहां पर पुलिस आ गई।

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पुलिस ने उसकी पत्नी से पूछा,'' बता तेरा पति कौन सा है।''

पति मन ही मन भगवान शंकर को याद करने लगा और कहा भगवान मेरे से बहुत बड़ी गलती हो गई। मुझे अपने सास-सुसर की बात माननी चाहिए थी।

हे प्रभु ! अगली बार से मैं ऐसी गलती नहीं करूंगा।

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उसने भोलेनाथ से बहुत माफी मांगी और थोड़ी देर बाद ही वो हमशकल वहां से लुप्त हो गया। दोनों हंसी-खुशी अपने घर आ गए और हर माह त्रयोदशी का व्रत करने लगे।

जिस प्रकार भोलेनाथ ने इस व्यक्ति की मदद की। उसी तरह भगवान शिव की कथा सुनने, पढ़ने और व्रत रखने से भोलेनाथ सदैव आपका साथ देते हैं और जीवन में आने वाले संकटों को हर लेते हैं।

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