Edited By Sarita Thapa,Updated: 09 Feb, 2025 07:04 AM

Pradosh Vrat Mantra: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत खास महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखना मंगलकारी माना जाता है।
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Pradosh Vrat Mantra: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत खास महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखना मंगलकारी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से मन की हर इच्छा पूरी होती है और जीवन में आने वाली हर परेशानी से छुटकारा मिलता है। प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा के साथ उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए। तो आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के दिन शिव जी के कौन से मंत्रों का जाप करने से शुभ फलों का प्राप्ति होती है।

Pradosh Vrat Mantra प्रदोष व्रत के मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव स्तुति मंत्र
द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।
शिव नामावली मंत्र
।। श्री शिवाय नम:।।
।। श्री शंकराय नम:।।
।। श्री महेश्वराय नम:।।
।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
।। श्री रुद्राय नम:।।
।। ओम पार्वतीपतये नम:।।
।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।

शिव प्रार्थना मंत्र
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥
शिव गायत्री मंत्र
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
शिव आरोग्य मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।
आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
