प्रयागराज महाकुंभ: चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा, ए.आई. की मदद से मिनटों में मिल रहे बिछड़े

Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 Jan, 2025 07:12 AM

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हिंदी फिल्मों में कुम्भ का मेला अपनों के बिछड़ने की बानगी बनता रहा है लेकिन प्रयागराज के महाकुम्भ के मेले में बिछड़ने वाले कुछ ही घंटों में मिलाए जा रहे हैं।

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प्रयागराज (नरेश कुमार): हिंदी फिल्मों में कुम्भ का मेला अपनों के बिछड़ने की बानगी बनता रहा है लेकिन प्रयागराज के महाकुम्भ के मेले में बिछड़ने वाले कुछ ही घंटों में मिलाए जा रहे हैं। इसके लिए पुलिस का खोया-पाया विभाग बड़े पैमाने पर ‘ए.आई.’ का इस्तेमाल कर रहा है।
 
मेले की सुरक्षा के लिए बनाए गए 4 इंटीग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सैंटर (आई.सी.सी.सी.सी.) का प्रभार देख रहे आई.पी.एस. अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि  मेला क्षेत्र में पुलिस द्वारा खोया-पाया सैंटर बनाए गए हैं। ये सैंटर ए.आई. से सुसज्जित चैट बॉट की सुविधा से सुसज्जित हैं। यदि किसी को हिंदी या अंग्रेजी बोलने या समझने में परेशानी है तो वह अपनी बात अपनी भाषा में इन चैट बॉट्स को बता देता है और ये चैट बॉट व्यास डाटा को हिंदी या अंग्रेजी में ट्रांसलेट कर के सैंटर पर तैनात अधिकारी को पूरे मामले की जानकारी देते हैं। 

खोया-पाया सैंटर पर खोने वाले व्यक्ति की आखिरी लोकेशन पूछी जाती है और उस लोकेशन पर लगे ए.आई. कैमरों से खोए हुए व्यक्ति की फोटो निकाल कर इंटीग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सैंटर (आई.सी.सी. सी.सी.) को भेजी जाती है, इन केंद्रों पर तैनात इस फोटो जैसे चेहरे के व्यक्तियों को  लोकेशन के इर्द-गिर्द लगे कैमरों में कैप्चर होने वाले व्यक्तियों के चेहरे से मिलान करता है और इस तरह से अब तक कई लोगों को ढूंढा जा चुका है। मेले में खोए 2 बच्चों को ढूंढने में ही अब तक सबसे ज्यादा 9 घंटे का समय लगा है जबकि अन्य मामलों में पुलिस ने एक या दो घंटे के भीतर ही खोए हुए व्यक्तियों को ढूंढ निकाला। 
प्रयागराज में चल रहे कुम्भ मेले के दौरान 4000 हैक्टेयर में बसाए गए अस्थायी शहर के चप्पे-चप्पे की ए.आई. से सुसज्जित कैमरों से निगरानी की जा रही है। 
 मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को कायम रखने के लिए इसे 10 जोनों और 25 सैक्टरों में विभाजित  किया गया है। मेला क्षेत्र में कुल 56 पुलिस थाने और 155 पुलिस चौकियां काम कर रही हैं। इसके अलावा 3 जल पुलिस स्टेशन और 1 जल पुलिस कंट्रोल रूम बनाया गया है। बोट्स के जरिए जल पुलिस लगातार पानी में सक्रिय रहती है। 

 मेले की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के हर जिले के जवानों और अधिकारियों  की मेला क्षेत्र में तैनाती की गई है। कुल मिला कर मेला क्षेत्र में 40,000 के करीब पुलिस कर्मचारी, बी.एस.एफ., आई.टी.बी.पी. सहित पैरा मिलिट्री फोर्स की 100 कम्पनियां, एन.एस.जी. सहित तमाम सुरक्षा एजैंसियों के अफसर और कर्मचारी तैनात हैं और पूरे सुरक्षा अमले की गिनती करीब 60,000 है। 

 पूरे मेला क्षेत्र और प्रयागराज  में लगे करीब 3000 से ज्यादा कैमरे 4 इंटीग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सैंटर आई.सी.सी.सी.सी. के जरिए नियंत्रित किए जा रहे हैं और ये चारों केंद्र अलग-अलग जगह पर बनाए गए हैं। इनमें 10-10 घंटे की शिफ्ट में कर्मचारी काम कर रहे हैं। हर आई.सी.सी.सी.सी. में करीब 200 जवानों की तैनाती की गई है जो शहर के अंदर की गतिविधियों, शहर के बाहर से आने वाले ट्रैफिक के साथ-साथ मेला क्षेत्र में हो रही घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।

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