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गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर पहुंचे महाकुम्भ, बसंत पंचमी पर लगाई संगम में डुबकी

Edited By Prachi Sharma,Updated: 04 Feb, 2025 01:24 PM

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वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर, गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने कुंभ मेले के दौरान कई महत्त्वपूर्ण आध्यात्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया, वहां कई अखाड़ों के साधु-संतों से मुलाकात की और हजारों श्रद्धालुओं के

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 प्रयागराज: वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर, गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने कुंभ मेले के दौरान कई महत्त्वपूर्ण आध्यात्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया, वहां कई अखाड़ों के साधु-संतों से मुलाकात की और हजारों श्रद्धालुओं के लिए ध्यान-सत्र का आयोजन किया। प्रयागराज आगमन पर गुरुदेव सबसे पहले महर्षि महेश योगी जी के स्मृति स्थल पर पहुंचे उसके बाद परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद के आश्रम पहुंचकर संगम घाट के दर्शन किए। गुरुदेव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की और उन्हें महाकुंभ की बधाई दी।

2 फरवरी की सुबह, सबसे पहले गुरुदेव ने आर्ट ऑफ लिविंग कैंप से 800 मीटर की दूरी पर स्थित नागवासुकी घाट पर देश विदेश से पहुंचे अनुयायियों के साथ गंगा स्नान किया। उसके बाद गुरुदेव सीधे सतुआ बाबा के आश्रम पहुंचे जहां उन्होंने बाबा से  मुलाकात और आध्यात्मिक चर्चा की। गुरुदेव, स्वामी अवधेशानंद गिरी जी के प्रयागराज आश्रम भी पहुंचे। वसंत पंचमी के अवसर पर गुरुदेव ने संगम में श्रद्धा की डुबकी लगाई उसके बाद दिगंबर अखाड़े के साधु संतों से आत्मीय भेंट की।

महाकुंभ में गुरुदेव की ओर से श्री श्री तत्त्व द्वारा 250 टन खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है। कल वसंत पंचमी के विशेष अवसर पर भंडारे का आयोजन कर रहे विभिन्न साधु-संतों को 10 टन खाद्य सामग्री दान की गई जिसमें  घी, दाल, मसाले और बिस्किट आदि शामिल थे। सेक्टर 8 बजरंगदास मार्ग पर आर्ट ऑफ लिविंग के कैंप में भी प्रतिदिन भंडारा चलाया जा रहा है, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं को भोजन कराया जा रहा है। गुरुदेव ने दमन और दीव के राज्यपाल श्री प्रफुल्ल पटेल, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य  सहित कई गणमान्य व्यक्तियों और अखाड़ों के साधु संतों से भेंट की।

मीडिया से बातचीत करते हुए गुरुदेव ने कहा, “यह कुंभ मेला एक अद्भुत अनुभव है, जो हर व्यक्ति के लिए अपनी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने का एक शानदार अवसर है। यह दुनिया को दर्शाता है कि कैसे विभिन्न आस्थाएं और संप्रदाय एक साथ रहकर पूजा-पाठ कर सकते हैं। आज जहां दुनिया धर्मों और मान्यताओं के बीच संघर्ष कर रही है, उन्हें यहां आकर विविधता में एकता का सजीव उदाहरण देखना चाहिए।”

वसंत पंचमी की संध्या पर गुरुदेव की उपस्थिति में दिव्य सत्संग का आयोजन भी हुआ जिसमें श्री देवकीनंदन ठाकुर जी समेत कई अन्य साधु संत मौजूद रहे।

3 फरवरी को अमृत स्नान के अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग कैंप में गुरुदेव की उपस्थिति में भव्य रुद्र पूजा और रुद्र होम का आयोजन किया गया जिसमें श्रद्धालुओं ने ध्यान की गहराई का अनुभव किया। पूजा के बाद गुरुदेव ने सभी को वसंत पंचमी की शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया।  गुरुदेव ने कहा, “जहां हमारी पांचों इंद्रियों में संतोष बस गया, वही बसंत पंचमी है।” वसंत पंचमी की संध्या पर आर्ट ऑफ लिविंग के सत्संग सभागार में एक भव्य सत्संग का आयोजन हुआ, जिसमें गुरुदेव ने श्रद्धालुओं को ध्यान कराया।

गुरुदेव ने  महाकुंभ स्नान के लिए पहुंचे मेंहदीपुर बालाजी के महंत श्री नरेश पुरी जी के साथ दोपहर भोज पर मुलाकात  की।

आगामी 4 फरवरी को, गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर महाकुंभ की पवित्र धरती प्रयागराज से पूरे विश्व को ऑनलाइन सामूहिक ध्यान कराएंगे, जिसमें 180 देशों से करोड़ों लोग जुड़ेंगे।

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