Edited By Prachi Sharma,Updated: 07 Feb, 2025 12:54 PM
महाकुंभ में वैश्विक मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर की प्रेरणा से आर्ट ऑफ लिविंग के स्वयंसेवक दिन-रात लाखों श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों की सेवा में लगे हुए हैं।
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प्रयागराज: महाकुंभ में वैश्विक मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर की प्रेरणा से आर्ट ऑफ लिविंग के स्वयंसेवक दिन-रात लाखों श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों की सेवा में लगे हुए हैं। वे श्रद्धालुओं को भोजन, आवास और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
संस्था की ओर से लगातार चल रहे अभियान के अंतर्गत, श्री श्री तत्त्व लाखों तीर्थयात्रियों, अखाड़ों और कल्पवासियों को 250 टन खाद्य सामग्री का वितरण कर रहा है। कुम्भ नगरी में स्थित आर्ट ऑफ लिविंग के शिविर में हजारों तीर्थयात्रियों को प्रतिदिन दो बार एक टन खिचड़ी परोसी जा रही है। अब तक 6 लाख बिस्किट के पैकेट, 40,000 लीटर घी और 70,000 सोया चंक्स के पैकेट वितरित किए जा चुके हैं। इसके अलावा, 8 आयुर्वेद विशेषज्ञों ने 5000 से अधिक लोगों को आयुर्वेदिक नाड़ी परीक्षण और परामर्श प्रदान किया है जो 26 फरवरी तक जारी रहेगा।
गुरुदेव के मार्गदर्शन में, आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा महाकुंभ के 25 सेक्टरों में स्वच्छताकर्मियों के लिए नि:शुल्क नवचेतना शिविर आयोजित किए जा रहे हैं जहां उन्हें ध्यान करने, तनाव कम करने, अपनी भावनाओं को संतुलित रखने और कम समय में गहरे विश्राम की तकनीकें सिखाई जा रहीं हैं। महा कुम्भनगर के सेक्टर 8, बजरंगदास मार्ग पर स्थित आर्ट ऑफ लिविंग कैंप में प्रतिदिन सत्संग, रुद्र पूजा समेत कई वैदिक पूजाएं आयोजित की जा रही है।
गुरुदेव गत सप्ताह महाकुंभ में पहुंचे, जहां सबसे पहले उन्होंने विश्व भर से प्रयागराज पहुंचे अनुयायियों के साथ नागवासुकी घाट पर गंगा स्नान किया। इसके बाद, उन्होंने सतुआ बाबा के आश्रम का भ्रमण किया और फिर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी से मुलाकात की। वसंत पंचमी के दिन उन्होंने त्रिवेणी संगम में स्नान किया और दिगंबर अखाड़े के संतों से मुलाकात की।
4 फरवरी को, गुरुदेव ने कैंप में हजारों साधकों के लिए एक निर्देशित ध्यान करवाया जिसमें 180 देशों से लाखों श्रद्धालु लाइव जुड़े। यह ध्यान सत्र गुरुदेव के यूट्यूब चैनल और आर्ट ऑफ लिविंग के निःशुल्क ध्यान ऐप सत्त्व पर वेबकास्ट किया गया।
गुरुदेव ने कहा, "महाकुम्भ एक ऐसा समय है जब हम क्षणिक से शाश्वत की ओर, व्यक्तिगत चेतना से ब्रह्म चेतना की ओर बढ़ते हैं। यह समय केवल बौद्धिक रूप से नहीं, बल्कि अनुभवात्मक रूप से भी अपने सत्य पर विचार करने का समय है। यहां लाखों लोग एकता में विविधता के आध्यात्मिक संगम का उत्सव मनाने के लिए एकत्र होते हैं।"
कल, गुरुदेव ने प्रयाग स्थित एकात्म धाम का दौरा किया, जहां उन्होंने आदि शंकराचार्य के जीवन पर आधारित एक संग्रहालय का अवलोकन किया। गुरुदेव ने प्रमुख संतों से भी मुलाकात की, जिनमें कार्ष्णि आश्रम के स्वामी शरणानंद जी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, साध्वी ऋतम्भरा जी और श्री मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्र दास जी शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने कई सरकारी अधिकारियों, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के सदस्यों, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और आशुतोष महाराज के शिष्यों से भी बातचीत की।