Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 Jan, 2025 07:16 AM
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ के प्रबंधन के लिए आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस (ए.आई.) का बड़े पैमाने पर सहारा लिया जा रहा है।
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प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ के प्रबंधन के लिए आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस (ए.आई.) का बड़े पैमाने पर सहारा लिया जा रहा है। मेले के लिए गंगा नदी के किनारे बसाए गए अस्थायी शहर में 1800 सी.सी.टी.वी. कैमरे ए.आई. से सुसज्जित हैं।
इन कैमरों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये किसी भी क्षेत्र में मौजूद लोगों की संख्या की 90 से 92 प्रतिशत तक सही गणना कर लेते हैं। जिन इंटीग्रेटिड कंट्रोल एंड कमांड सैंटरों से इन कैमरों की निगरानी हो रही है वहां मौजूद पुलिस स्टाफ कैमरों में कैचर होने वाली भीड़ को देखते ही जमीनी स्तर पर मौजूद ट्रैफिक कंट्रोल देख रहे स्टाफ को भीड़ को दूसरे रास्ते में शिफ्ट करने की कमांड दे रहे हैं।
इंटीग्रेटिड कंट्रोल एंड कमांड सैंटर के प्रभारी आई.पी.एस. अमित कुमार ने बताया कि मेला क्षेत्र में यही तकनीक ट्रैफिक कंट्रोल के लिए भी अपनाई जा रही है और किसी भी क्षेत्र में ट्रैफिक जाम होने की स्थिति में ट्रैफिक दूसरे क्षेत्रों में डायवर्ट किया जा रहा है। रोजाना करीब 20 लाख श्रद्धालु प्रयागराज में आ रहे हैं और करीब 20 लाख कल्पवासी मेले की अवधि के दौरान प्रयागराज में ही रहेंगे।
मेले में पक्के तौर पर मौजूद साधु-संतों को मिला कर इनकी कुल संख्या करीब 50 लाख बनती है। मोटे तौर पर प्रयागराज में प्रतिदिन 65 से 70 लाख श्रद्धालु रहते हैं। ऐसे में इतनी बड़ी भीड़ का प्रबंधन करना भी अपने आप में बड़ी चुनौती है ।
आई.पी.एस. अमित कुमार ने बताया कि सरकारी अनुमानों के अनुसार, इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक लोग शामिल होंगे इसलिए भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है लेकिन ए.आई. हमें एक सहज अनुभव सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में मदद कर रहा है।