Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Jul, 2024 01:31 PM
पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर का खजाना भंडार यानी जहां मंदिर के बहुमूल्य रत्न रखे गए हैं, वे 46 साल बाद ओडिशा सरकार ने 14 जुलाई को खोलने का ऐलान किया गया है। हाई लेवल कमेटी मंदिर के अंदर रखे
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Opening of Ratna Bhandar of Shree Jagannath Temple: पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर का खजाना भंडार यानी जहां मंदिर के बहुमूल्य रत्न रखे गए हैं, वे 46 साल बाद ओडिशा सरकार ने 14 जुलाई को खोलने का ऐलान किया गया है। हाई लेवल कमेटी मंदिर के अंदर रखे गए खजाने की जांच कर बहुमूल्य रत्नों की लिस्ट बनाकर सरकार को देगी। इस समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिस्वनाथ रथ ने मंगलवार को अन्य सदस्यों के साथ बैठक में यह बात कही। आंतरिक रत्न भंडार खोलने का सर्वसम्मति से फैसला हुआ। जिसकी पूरी तैयारी हो चुकी है।
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मंदिर के रत्न भंडार में 12वीं शताब्दी के बहुमूल्य आभूषण हैं। जो लंबे समय से भक्तों और राजाओं द्वारा भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा को भेंट किए गए। यह रत्न भंडार मंदिर के काफी अंदर स्थित है और इसमें दो कमरे हैं आंतरिक कक्ष और बाहरी कक्ष।
जब जगन्नाथ जी और उनके भाई-बहन के सुंदर स्वरूपों को स्वर्ण पोशाक पहनानी होती है, तो बाहरी कक्ष खोला जाता है। प्रत्येक वर्ष जगन्नाथ यात्रा के दौरान यह एक प्रमुख अनुष्ठान होता है। केवल प्रमुख त्योहारों के दौरान ही इस कक्ष के द्वार खुलते हैं। 2024 से पहले 1978 में रत्न भंडार में जमा खजाने की सूची तैयार की गई थी लेकिन जब 1985 में इसे पुन खोला गया तो कोई भी नई सूची नहीं बनाई गई थी।
BJP fulfilled its promise बीजेपी ने किया वादे को पूरा
12वीं सदी के नियमों के मुताबिक जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोलने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी चाहिए होती है। इसका प्रस्ताव मंदिर प्रबंध समिति के द्वारा आता है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और रत्न भंडार खोलने का वादा किया था। सरकार बनते ही बीजेपी ने इस वादे को पूरा करने का काम किया।
The lock of the Ratna Bhandar of Jagannath temple can be broken टूट सकता है जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का ताला
हाई लेवल कमेटी मंदिर के अध्यक्ष बिस्वनाथ रथ ने कहा कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक को रत्न भंडार की डुप्लीकेट चाबी देने को कहा गया था लेकिन उन्होंने नहीं दी। मंदिर प्रशासन हाल ही में हुई जगन्नाथ रथ यात्रा के आयोजन में व्यस्त था। अब 14 जुलाई को समिति को चाबी जमा करने के लिए कहा गया है। ये भी निर्णय हुआ है कि अगर डुप्लीकेट चाबी काम न कर सकी तो ताला तोड़कर रत्न भंडार के द्वार खोले जाएंगे। आभूषणों की लिस्ट बनाने और रत्न भंडार की मरम्मत के लिए भी आवश्यक एसओपी पर भी चर्चा हुई है।