तीर्थों के गुरु पुष्कर का मुख्य आकर्षण हैं ये स्थल, आप भी करें दर्शन

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 May, 2024 07:44 AM

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राजस्थान के अजमेर शहर से 14 कि.मी. दूर उत्तर-पश्चिम में अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा पुष्कर नामक छोटा-सा नगर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है

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Pushkar: राजस्थान के अजमेर शहर से 14 कि.मी. दूर उत्तर-पश्चिम में अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा पुष्कर नामक छोटा-सा नगर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। यहां ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर बना है। पुराणों में इसका विस्तृत उल्लेख मिलता है। यह कई प्राचीन ऋषियों की तपोभूमि भी रहा है। यहां विश्व का प्रसिद्ध पुष्कर मेला लगता है जिसमें देश-विदेश से लोग आते हैं। पुष्कर की गणना पंच तीर्थों में भी की गई है। तीर्थराज पुष्कर को सब तीर्थों का गुरु कहा जाता है। अजमेर से नाग पर्वत पार करके पुष्कर पहुंचना होता है। इस पर्वत पर एक पंचकुंड है और अगस्त्य मुनि की गुफा भी बताई जाती है।

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Places to Visit in Pushkar तीन हैं पुष्कर
माना जाता है कि पुष्कर तीन हैं - ज्येष्ठ (प्रधान) पुष्कर, मध्य (बूढ़ा) पुष्कर और कनिष्ठ पुष्कर। ज्येष्ठ पुष्कर के देवता ब्रह्मा जी, मध्य पुष्कर के देवता भगवान विष्णु और कनिष्ठ पुष्कर के देवता रुद हैं। ब्रह्मा जी ने पुष्कर में कार्तिक शुक्ल एकादशी में पूर्णमासी तक यज्ञ किया था, जिसकी स्मृति में अनादिकाल से यहां कार्तिक मेला लगता आ रहा है। पुष्कर के मुख्य बाजार के अंतिम छोर पर ब्रह्मा जी का मंदिर बना है। आदि शंकराचार्य ने संवत 713 में ब्रह्मा जी की मूर्ति की स्थापना की थी। मंदिर का वर्तमान स्वरूप गोकलचंद पारेख ने 1809 ई. में बनवाया था।

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Story of Pushkar क्या है कथा
समुद्र मंदन से निकले अमृतघट को छीनकर जब एक राक्षस भाग रहा था तब उसमें से कुछ बूंदें इस झील में गिर गईं, तभी से यहां की पवित्र झील का पानी अमृत के समान स्वास्थ्यवर्धक हो गया जिसकी महिला एवं रोगनाशक शक्ति के गुणगान इतिहास में भरे पड़े हैं। ऐसा कहा जाता है कि क्रोधित माता सरस्वती ने एक बार ब्रह्मा जी को श्राप दे दिया कि जिस सृष्टि की रचना उन्होंने की है, उसी सृष्टि के लोग उन्हें भुला देंगे और उनकी कहीं पूजा नहीं होगी लेकिन बाद में देवों की विनती पर देवी सरस्वती पिघलीं और उन्होंने कहा कि पुष्कर में उनकी पूजा होती रहेगी इसीलिए विश्व में ब्रह्मा जी का केवल एक ही मंदिर है जो यहां स्थित है।

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City of temples Pushkar मंदिरों की नगरी
पुष्कर की छोटी सी नगर में 500 से अधिक मंदिर हैं लेकिन प्रमुख मंदिरों में ब्रह्मा जी का 14वीं सदी में बनाया गया मंदिर है। इसके अतिरिक्त दूसरा प्रमुख मंदिर रंगजी मंदिर है। रंगजी को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है। मंदिर के दो भाग हैं एक नया और दूसरा पुराना। नया मंदिर हैदराबाद के सेठ पूरणमल गनेरीवाल ने 1823 में बनवाया था। इस मंदिर का सौंदर्य द्रविड़, राजपूत व मुगल शैली के अद्भुद समागम के कारण है। एक और प्रसिद्ध मंदिर सावित्री देवी का है। यह ब्रह्मा मंदिर के पीछे एक पहाड़ी पर स्थित है।

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Some other attractions of Pushkar पुष्कर के कुछ अन्य आकर्षण
Pushkar Lake पुष्कर झील
पचास से अधिक स्नान घाटों से घिरी इस झील को लेकर किंवदंती है कि भगवान ब्रह्मा एक धार्मिक समारोह आयोजित करने के लिए जगह की तलाश कर रहे थे। उन्होंने मार्गदर्शन करने के लिए एक कमल गिराया। कमल उस स्थान पर गिरा जो अब पुष्कर झील है। यह हिंदुओं के लिए एक पवित्र जल निकाय है और इस जगह पुष्कर मेला भी आयोजित किया जाता है। मेले के दौरान अपने पाप धोने के लिए हजारों तीर्थयात्री इस पवित्र झील में स्नान करने के लिए भी यहां आते हैं। आसपास के क्षेत्र विदेशी वनस्पतियों और जीवों के घर हैं, जहां कई प्रवासी पक्षी कुछ खास मौसमों में जलाशय में आते हैं। खूबसूरत पहाड़ियों के बीच स्थित यह झील राजस्थान के मुख्य पर्यटक आकर्षणों में से एक है।

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Maan Mahal मान महल
पुष्कर में निवास का सबसे बड़ा शाही स्थान, मान महल पुष्कर में घूमने के स्थानों में से एक है। सरोवर झील के किनारे स्थित, यहां से महल का दृश्य बेहद ही खूबसूरत लगता है। महल को राजा मान सिंह- प्रथम के लिए बनाया गया था, जो इस स्थान पर एक रिट्रीट सेंटर के रूप में आए थे। मान महल में एक प्रभावशाली वास्तुकला है जिसमें पारंपरिक राजस्थानी स्थापत्य तत्व शामिल हैं।

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Varah Ghat वराह घाट
पुष्कर में पाए जाने वाले विशाल घाटों में से, वराह घाट एक खूबसूरत जगह है जो शाम की महिमा और झील के शानदार दृश्यों के लिए जाना जाता है। यहां हर रात आयोजित होने वाली आरती समारोह पर्यटकों के बीच बेहद प्रसिद्ध है।

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Varaha Temple वराह मंदिर
वराह मंदिर शहर के मध्य में स्थित है। पुष्कर गौरवशाली राजवंशों और धार्मिक मंदिरों की भूमि होने के कारण, वराह मंदिर प्रमुख हिंदू भगवान, भगवान विष्णु के अवतार वराह को समर्पित है। मंदिर एक गुंबद, सफेद दीवारों और स्तंभों से युक्त एक उल्लेखनीय वास्तुकला के साथ शानदार ढंग से बनाया गया है। अपनी धार्मिक पवित्रता के कारण, यह देश भर से बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है।

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