Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Sep, 2023 10:35 AM
हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 15 दिनों बाद राधा अष्टमी का त्योहार मथुरा, वृंदावन और बरसाने में
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Radha Ashtami 2023: हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 15 दिनों बाद राधा अष्टमी का त्योहार मथुरा, वृंदावन और बरसाने में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन राधा रानी की उपासना करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। राधा अष्टमी का पर्व राधा के जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है। इस दिन राधा रानी के साथ श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं कि कब मनाया जाएगा राधा अष्टमी का पर्व, महत्व और शुभ मुहूर्त
Radha Ashtami auspicious time राधा अष्टमी शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि का प्रारंभ - 22 सितंबर, दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से
अष्टमी तिथि का समापन- 23 सितंबर, दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक
राधा अष्टमी पर्व 23 सितंबर 2023 दिन शनिवार
उदया तिथि को मानते हुए राधा अष्टमी का पर्व 23 सितंबर दिन शनिवार को रोमांच के साथ मनाया जाएगा।
राधा अष्टमी पूजा मुहूर्त - 23 सितंबर, सुबह 11 बजकर 1 मिनट से दोपहर 1 बजकर 26 मिनट तक
Importance of Radha Ashtami राधा अष्टमी का महत्व
जन्माष्टमी पर जिस तरह श्री कृष्ण की सेवा के लिए उपवास रखा जाता है। उसी तरह राधा अष्टमी पर भी व्रत रखने का विधान है। राधारानी के बिना श्री कृष्ण की पूजा अधूरी मानी गई है। इस दिन राधा जी की पूरे विधि-विधान से पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
3 auspicious yogas on Radha Ashtami राधा अष्टमी पर 3 शुभ योग
राधा अष्टमी के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन की खासियत और बढ़ जाती है। राधा अष्टमी तिथि पर पूरे दिन रवि योग रहेगा। शोभन योग रात साढ़े 9 बजे से अगले दिन तक रहेगा। वहीं सौभाग्य योग 22 सितंबर को रात के 11 बजकर 52 मिनट से 23 सितंबर रात के 9 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।