Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Aug, 2024 03:19 AM
राधा रानी भगवान कृष्ण की अनन्य प्रेमिका और आध्यात्मिक गुरु के रूप में पूजी जाती है। राधा की भक्ति और प्रेम को भगवान कृष्ण के प्रेम की आदर्श मान्यता के रूप में देखा जाता है। राधा अष्टमी का पर्व उनके
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Radha Ashtami 2024: राधा रानी भगवान कृष्ण की अनन्य प्रेमिका और आध्यात्मिक गुरु के रूप में पूजी जाती है। राधा की भक्ति और प्रेम को भगवान कृष्ण के प्रेम की आदर्श मान्यता के रूप में देखा जाता है। राधा अष्टमी का पर्व उनके दिव्य प्रेम और भक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, जो भक्तों को प्रेम और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। राधा अष्टमी पर्व भगवान कृष्ण की प्राण प्रिया राधारानी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीने में आता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद अर्थात भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर राधा अष्टमी व्रत का पालन करने का विधान है। राधा अष्टमी का पर्व राधा और कृष्ण के अटूट प्रेम और भक्ति का प्रतीक है और विशेष रूप से ब्रज क्षेत्र और वैष्णव समुदाय के बीच महत्वपूर्ण माना जाता है।
Auspicious time of Radha Ashtami fast राधा अष्टमी व्रत का शुभ मुहूर्त
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 10 सितंबर की सुबह 11:11 पर होगा और समापन 11 सितंबर 11:46 मिनट पर होगा। शास्त्रों की मान्यता के अनुसार राधा रानी का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था। ऐसे में राधा अष्टमी व्रत 11 सितंबर 2024, बुधवार के दिन रखा जाएगा।
Radha Ashtami 2024 Puja Muhurta राधा अष्टमी 2024 पूजा मुहूर्त
11 सितंबर राधा अष्टमी को मध्याह्न काल में पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11: 04 से दोपहर 01:34 तक रहेगा। इस रोज प्रीति योग का निर्माण होगा, जो प्रात: 11 बजकर 55 मिनट तक रहेगा तत्पश्चात आयुष्मान योग आरंभ होगा। ये दोनों योग पूजा के लिए श्रेष्ठ माने गए है।