Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Oct, 2024 06:47 AM
2024 Radha Kund Snan Ahoi Ashtami: संतान प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी पर राधा कुंड पर महिलाओं द्वारा किए जाने वाले स्नान का अपना ही एक विशेष महत्व है। मथुरा में गोवर्धन पर्वत की छोटी परिक्रमा के दौरान दो दिव्य कुंड रास्ते में आते हैं। जिनमें एक है...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
2024 Radha Kund Snan Ahoi Ashtami: संतान प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी पर राधा कुंड पर महिलाओं द्वारा किए जाने वाले स्नान का अपना ही एक विशेष महत्व है। मथुरा में गोवर्धन पर्वत की छोटी परिक्रमा के दौरान दो दिव्य कुंड रास्ते में आते हैं। जिनमें एक है कृष्ण कुंड और दूसरा है राधा कुंड। कृष्ण कुंड का पानी काले रंग का प्रतीत होता है व राधा कुंड का पानी निर्मल दिखता है। कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर विशेष स्नान किया जाता है।
Radha Kund Snan shubh muhurat: वैसे तो कुंड में सारा दिन कभी भी स्नान कर सकते हैं परंतु विशेष दिन विशेष समय विशेष मुहूर्त में किया गया उपाय बहुगुणा प्रभाव प्रदान करने वाला होता है इसलिए दिव्य स्नान का मुहूर्त अर्धरात्रि में है।
Radha kund snan ahoi ashtami: पौराणिक प्रचलन व पौराणिकताओं के आधार पर निसंतान दंपत्ति अगर शुभ मुहूर्त पर राधा कुंड पर विधिवत तरीके से स्नान करते हैं तो राधा रानी की कृपा स्वरूप उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। यह परंपरा द्वापर युग से चली आ रही है। इसकी लोकप्रियता सिर्फ भारत देश में ही नहीं है अपितु विदेशों में भी है इसलिए बहुत संख्या में विदेशी दंपतियों को भी यहां स्नान करते व मनोकामना पूर्ण होने के पश्चात धन्यवाद करते हुए भी देखा जाता है।
Radha Kund Snan: मान्यता है कि मनोकामना पूर्ण होने के पश्चात फिर से प्राप्त संतान के साथ राधा कुंड में दिव्य स्नान के लिए परिवार सहित धन्यवाद यज्ञ करने के लिए अवश्य आना चाहिए ताकि जो संतान प्राप्त हुई है। उस संतान का पूर्ण सुख भी प्राप्त हो सके व संतान दीर्घायु हो तथा पूर्ण स्वस्थ रह सके।
Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM).