Rahu-Ketu Ke Upay: राहु- केतु हैं आपके कुंडली की नींव, ऐसे करें मजबूत

Edited By Prachi Sharma,Updated: 17 Oct, 2024 11:51 AM

rahu ketu ke upay

आपकी जन्म कुंडली यह दर्शाती है की आप आगे जीवन में क्या करेंगे। जन्म कुंडली के  कुदरत का कोड होता है जो आपको बताता है

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Rahu-Ketu Ke Upay: आपकी जन्म कुंडली यह दर्शाती है की आप आगे जीवन में क्या करेंगे। जन्म कुंडली के  कुदरत का कोड होता है जो आपको बताता है कि आपको क्या कैसे और कब अचीव करना है। यदि आप अपनी कुंडली की चाल को पहचान लेंगे तो जीवन में आगे बढ़ने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इसमें सबसे पहले आपको चेक करना है कि आपके बर्थ चार्ट के राहु और केतु कहां पे हैं। राहु नॉर्थ नोड कहलाते हैं और जो केतु साउथ नोड कहलाते हैं। चंद्रमा का जो एलिप्टिकल पाथ होता है न उसके ये दो बिंदु होते हैं जो राहु और केतु कहलाते हैं। ये दोनों छाया ग्रह होते हैं लेकिन इनका जो भी प्रभाव होता है ये किसी भी फिजिकल एक्जिस्टेंस से काफी ज्यादा होता है और यह कार्मिक प्लेनेट कहलाते हैं यानी यह वो लेयर्स लेक आए होते हैं हमारे चार्ट में जो बताते हैं कि पिछले जन्मों के कौन से संचित कर्म इस जन्म में हम साथ लेकर आए हुए हैं। 

राहु इनकम के भाव में हैं। इस जन्म में अगर वह इंसान जो भी उसको इनकम मिलती है उसी में सेटिस्फाई हो जाता है तो फिर वह फ्रस्ट्रेशन का शिकार होगा क्यों क्योंकि वह पिछले जन्म से ही कम इनकम की लेयर अपने अंदर लेकर आया हुआ है। इस जन्म में उसको लगातार इंक्रीमेंटल ग्रोथ हर साल अपनी इनकम को कैसे बढ़ाया जाए। इनकम बढ़ाने के लिए तो ना केवल उसके जीवन में फेलियर आएंगे बल्कि उसके जीवन से फ्रस्ट्रेशन का लेवल जो है  काफी ज्यादा बढ़ जाएगा। राहु किसी भी इंसान के सातवें घर में हो तो यह गृहस्थ की कोई न कोई परेशानी पिछले जन्म की अपने साथ लेके आया हुआ है। 

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किसी के थर्ड हाउस में राहु है तो उसको अपने भाइयों बहनों से संबंध अच्छे बना के रखें। क्योंकि खराब संबंध तो  कैरी फॉरवर्ड करवा के लाया हुआ है उनको सुधारना है। किसी के सेकंड हाउस में राहु हैं तो उसको अपनी जो संचित धन है उसको बहुत ज्यादा प्लान तरीके से रखना है। अलग-अलग जगह पर इन्वेस्ट करना है एक ही जगह पर पैसे फंसाने नहीं है। उसको कभी भी पैसा इन्वेस्ट करने में लालची नहीं होना है। सेकंड हाउस खाने-पीने का घर है उसको खाना खाने की जो हैबिट्स हैं यह खराब आदतें पिछले जन्म से लेके आया है, अच्छी आदतें एक्वायर करनी है। जिसका अष्टम भाव में राहु होगा उसकी लाइफ में फ्लकचुएशन बहुत आएंगी। यह  राहु इनके जीवन में इनका  सेटिस्फेक्शन लेवल है कई गुना बढ़ाने वाले हैं। जिनके दसवें घर में राहु होंगे काम-कारोबार को लेकर उनको एक्सपेरिमेंट भी होना है। उनको लगातार अपने काम-कारोबार में मेहनत करनी है। 

 केतु बताते हैं कि आप पिछले जन्म की वो चीजें एक्सेस में लेकर आए हुए हो और उनको इस जन्म में आपने लेट गो करना है। अगर लग्न में केतु हैं तो आप ईगो एक्सेस में लेक आए हुए हो इसको लेट गो करिए। सेकंड हाउस में केतु हैं तो आप अजीब सी खानपान की आदतें या एकदम से अपने धन को बिल्कुल जोड़ के कुंडली मार के बैठना, धन के ऊपर ऐसी आदतें लेके आए हुए हैं। छठे भाव के केतु बिना बात के लोगों से दुश्मनी बढ़ाते हैं। इस आदत को दूर करिए। किसी से कंपीट मत करो। पांचवें भाव के केतु इंसान को ब्रांड बनाते हैं लेकिन तब ब्रांड बनाते हैं जब इंसान डाउन टू अर्थ हो जाए। 11वें भाव के केतु होंगे तो उस इंसान को हमेशा इनकम के बारे में नहीं सोचना है उसको अपने वर्क लाइफ बैलेंस की तरफ ध्यान देना है। 12वें भाव के केतु हैं तो उस इंसान को अध्यात्म का कारक बोला जाता है। 12वें भाव में केतु आध्यात्मिक राह की तरफ लेकर जाते हैं। राहु और केतु  अपने चार्ट के अनुसार जब आप इनको समझ लेंगे तब आपको सहायता मिलेगी। 

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 राहु और केतु के बाद एक और पेयर है बहुत बड़ा जो आपको अपने खुद को जानने के लिए बहुत काम में लेके आना है वो पेयर है चंद्रमा और सूरज का। यह दो रॉयल प्लेनेट हैं, यह कुंडली के माता-पिता कहे गए हैं और वैसे भी इंसान के सूर्य पिता कहलाते हैं। चंद्रमा माता कहलाते हैं बर्थ चार्ट में इनका आपस में दृष्टि संबंध होना आमने-सामने होना बहुत शुभ होता है। इनका एक दूसरे के एक पाचन में त्रिकोण में होना बहुत फेवरेबल माना जाता है। जिनके भी सूर्य चंद्रमा आपस में खराब एंगल पे होते हैं ये लोगों के जीवन में जितने मर्जी कुंडली में अच्छे योग हो जाए वो कभी भी सक्सेसफुल नहीं होते। 

अगर आपके सूर्य-चंद्रमा एक साथ है इसका मतलब है आपका अमावस का बर्थ है। अब अमावस का जन्म आप समझ लीजिए चंद्रमा बुझ गए सूरज के बहुत पास आ गए तो इस वजह से आपके जीवन से इमोशनल बैलेंस निकल जाएगा। कहीं न कहीं आपका थॉट प्रोसेस बहुत ज्यादा ओवर प्रैक्टिकल हो जाएगा। सूर्य चंद्रमा आमने-सामने होंगे तो दोनों ही बलवान होंगे लेकिन उस केस में भी इंसान रूल्स में बंद के काम नहीं कर सकता। ऐसा इंसान नौकरियां करेगा तो अंडर वैल्यूड काम करेगा। अपना बिजनेस करेगा तो बहुत अच्छा काम करेगा। किसी के चंद्र सूर्य हैं छह, आठ में हो तो कहा जाता है कि उनके माता-पिता के भी आपस में संबंध सामान्य नहीं रहते और उसका भी उनके बचपन की लेयर्स में प्रभाव दिखता है। सूर्य-चंद्रमा का बैलेंस होना भी बताता है कि आप अपने जीवन में किस लेवल तक जा सकते हो। 

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अब जानेंगे कि आपके जीवन में जो पंच तत्व है। उनमें से कौन सा तत्व ज्यादा हावी हो रखा है। पंच तत्व में अग्नि, पृथ्वी, जलवायु, आकाश आकाश के अंडर हम सब आते हैं। अगर जिनका अग्नि तत्व ये प्रॉमिनेंट रहेगा, ये लोग छोटी बात करेंगे गुस्सा जल्दी कर जाएंगे। लेकिन सॉल्यूशन देने में ये एक्सपर्ट होते हैं इनको वो दिखता है जो बाकी लोग नहीं देख पाते हैं तो अच्छे सॉल्यूशन मेकर होते हैं। यहां खुद आप अग्नि तत्व हैं कम ही होते हैं। ये लोग जो जल तत्व होते हैं ये इमोशनल बहुत हो जाते हैं। यह छोटी बात नहीं कर पाते, लंबी-लंबी बातें करते हैं और हर दूसरी बात पे इमोशनल हो जाना मुख्य पार्ट होता है। ये लोग पैसा अच्छा कमा लेते हैं। इस तरह के लोग अच्छे बॉस साबित होते हैं और जो वायु तत्व वाले लोग हैं इनका नेचर बहुत जिज्ञासु होता है। 

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