Edited By Sarita Thapa,Updated: 22 Mar, 2025 11:41 AM
Rahu Transit 2025: राहु और केतु हमेशा वक्री अवस्था में रहते हैं लेकिन इन ग्रहों का गोचर जो है वह बड़े इंस्टेंट रिजल्ट देता है। यह हमेशा वक्री अवस्था में रहते हैं। इनका कोई फिजिकल एक्जिस्टेंस नहीं होता। इनका फिजिकल एक्जिस्टेंस नहीं होता है।
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Rahu Transit 2025: राहु और केतु हमेशा वक्री अवस्था में रहते हैं लेकिन इन ग्रहों का गोचर जो है वह बड़े इंस्टेंट रिजल्ट देता है। यह हमेशा वक्री अवस्था में रहते हैं। इनका कोई फिजिकल एक्जिस्टेंस नहीं होता। इनका फिजिकल एक्जिस्टेंस नहीं होता है। फिजिकल एक्जिस्टेंस जैसे सन, मून, गुरु, जुपिटर, वीनस, मरकरी का है। इसी तरह से राहु केतु वो दो इमेजिनरी पॉइंट है। लेकिन इंडियन माइथोलॉजी या इंडियन एस्ट्रोलॉजी के हिसाब से चलते हैं, तो ये दो इमेजिनरी पॉइंट है। एक राहु है एक केतु है। राहु आपको इमेजिनेशन ज्यादा देता है यदि वो पॉजिटिव पोजीशन में है, तो आपको पॉजिटिव इमेजिनेशन बहुत होगी यदि वह नेगेटिव पोजीशन में है। आपकी कुंडली में तो आपके विचार नेगेटिव साइड की तरफ ज्यादा चलेंगे। हम सोचते हैं वह हम बन जाते हैं यदि ज्यादा नेगेटिव सोचेंगे तो हमारी पर्सनैलिटी नेगेटिविटी की तरफ चली जाएगी यदि हम पॉजिटिव सोचेंगे तो हमारी पर्सनैलिटी भी पॉजिटिव होगी।
राहु अभी फिलहाल तो मीन राशि में गोचर कर रहे हैं 29 मई 2025 को राहु का गोचर होगा। 29 मई 2025 से लेकर 25 नवंबर 2026 तक ये गोचर है। ये लगभग डेढ साल का गोचर होता है और डेढ़ साल के गोचर में राहु पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में रहेंगे और यह अपने ही सत् विशा नक्षत्र में आ जाएंगे। फिर धनिष्ठा नक्षत्र में आएंगे। यह मंगल का नक्षत्र है, तो इन तीन नक्षत्रों में में गोचर करेंगे। राहु इसके अलावा केतु का गोचर जो है वो सिंह राशि में होगा। राहु और केतु जो है इनकी फिजिकल एसिस्टेंसिया नहीं होती है और इनकी अपनी कोई राशि नहीं होती। राहु यह जो करते हैं जिस राशि में बैठते हैं उस राशि के फल करते हैं। जिस ग्रह के साथ बैठ जाते हैं उस ग्रह के फल करते हैं। किसी कुंडली में राहु मीन राशि में बैठे हुए हैं तो मीन राशि के साथ-साथ धनु राशि का भी फल करेंगे क्योंकि वह दोनों गुरु की राशियां हैं। अगर राहु गुरु के साथ ही बैठे हुए हैं, तो राहु गुरु के भी फल कर जाएंगे। यह चंडाल योग होता है लेकिन सारे केसेस में यह चंडाल योग नहीं होता। कई जगहों में यह योग में कन्वर्ट हो जाता है। यह जिस ग्रह के साथ बैठते हैं उसके अच्छे या बुरे फल भी देते हैं। अष्टम में बैठेंगे तो अष्टम के फल कर जाएंगे। भाग्य स्थान में बैठे हैं, तो भाग्य स्थान के फल कर जाएंगे। ये राहु और केतु का गोचर होता है। केतु भी जिस राशि के साथ बैठेंगे उस राशि के फल कर जाएंगे। जिस प्लेनेट के साथ बैठते हैं उस प्लेनेट के फल कर जाएंगे। गोचर में भी यही स्थिति होती है। इनका प्रभाव बहुत तीव्र होता है।
मेष राशि के जो जातक हैं उनके लिए 2025 वैसे भी बहुत अच्छा नहीं रहने वाला है। लेकिन एक चीज उनके लिए बहुत पॉजिटिव हो जाएगी वो है राहु का गोचर। राहु का गोचर 29 मार्च 2025 को मेष राशि के जातक शनि की साढ़े साती के प्रभाव में आ जाएंगे। शनि 12वें भाव में आ जाएंगे। अब 12वें भाव में शनि आएंगे तो निश्चित तौर पर शनि की साढ़े शुरू होती है, तो लाइफ में बहुत सारी चीजें डिस्टर्ब होती है। लेकिन राहु वहां पर सेविंग ग्रेस बन के आएंगे। सेविंग ग्रेस इसलिए क्योंकि जो राहु है। वह शनि की तरह फल करते हैं। कहा जाता केतु जो है वो मंगल की तरह फल करते हैं और राहु जो है वह शनि की तरह फल करते हैं। अब मेष राशि की यह जो पत्रिका के अनुसार, 11वें भाव में जो गोचर होगा। 11वें भाव में राहु का गोचर बहुत अच्छा होने जा रहा है। 11वां भाव का राहु का गोचर अच्छा होता है। जितने भी पाप ग्रह है। चाहे वो सूर्य है, चाहे वो शनि है, चाहे वो मंगल है, चाहे वो राहु है, वो 11वें भाव में अच्छे फल करते हैं।
11वां भाव चूंकि कुंडली का अशुभ भाव होता है। उसे पांच भाव कहते हैं। तीसरे, छठे और 11 में पाप ग्रहों का गोचर काफी अच्छा होता है। यहां पर 11वें भाव का राहु का गोचर अच्छा है। 11वां भाव आपकी प्रमोशन का भाव होता है। दसव से हम कर्म करते हैं। 11वें भाव से हम उसका फल देखते हैं। जब 11वें भाव का फल आपके लिए अच्छा हो जाएगा। तब 12वें भाव में शनि अपना कर्म करेंगे। राहु यहां पर उस चीज को बैलेंस करेंगे यदि प्रमोशन पेंडिंग है, तो प्रमोशन मिल सकती है। आपको इस अवधि के दौरान कोई आय के नए साधन आप खोजना चाहते हैं तो कोई नया बिजनेस शुरू कर सकते हैं। वहां पर आपको आय में वृद्धि हो सकती है क्योंकि 11वां भाव यहां पर एक्टिव हो जाएगा। यहां से 11वें भाव से सामाजिक प्रतिष्ठा देखी जाती है। जो लोग किसी चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, तो उन्हें समाज में अच्छी पोजीशन मिल सकती है। सामाजिक प्रतिष्ठा जिनकी बढ़नी चाहिए। उनके लिए ये राहु का गोचर अच्छा हो जाएगा। यहां पर राहु जो है वो आय के नए साधन पैदा कर सकते हैं और राहु यहां पर आपको 11वें भाव के अच्छे फल दे सकते हैं। यहां पर राहु 11वें भाव में है। राहु की तीन दृष्टियां होती हैं। राहु पांचवीं, सातवीं और नौवी दृष्टि से देखते हैं। यहां पर राहु शनि की राशि में बैठे हैं और शनि के फल करेंगे। निश्चित तौर पर शनि की राशि दशम भाव में भी है। दशम भाव के भी फल करेंगे। गोचर में गोचर का फल दशम और 11वें में मिलेगा।
यहां से राहु देखेंगे तीसरे भाव को तीसरे भाव में गुरु ऑलरेडी यहां पर पड़े हुए हैं। अब गुरु जो है वो भी म्यूचल एस्पेक्ट के साथ देख रहे हैं। राहु गुरु को देखेंगे और गुरु राहु को देखेंगे। दोनों की दृष्टि आपस में मिल रही है। एक तरीके से ये दोनों ही भाव एक्टिव हो जाएंगे। इसका मतलब यह है कि 11वें भाव के तो फल मिलेंगे ही मिलेंगे लेकिन तीसरे के भी फल मिल सकते हैं। तीसरा भाव आपके पराक्रम का भाव होता है। राइट शोल्डर का विचार हम जो है वो तीसरे भाव से करते हैं। छोटा भाई तीसरे भाव से देखा जाता है। जितनी भी कर जितनी भी डिटरमिनेशन आती है या कॉन्फिडेंस आता है, वो सारा तीसरे भाव से ही आता है। इसका मतलब यह है कि राहु के गोचर के बाद आप में डिटरमिनेशन बढ़ेगी। कोई भी फैसला करेंगे आप पूरी कन्विंसिंग के साथ करेंगे। इसके अलावा राहु यहां पर बैठकर सप्तम भाव को एक्टिवेट करेंगे। मेष राशि के जितने भी जातक है, जो कारोबारी पार्टनरशिप चाहते हैं। यह सप्तम भाव पार्टनरशिप का भाव होता है। यह शादी का भाव होता है। बिजनेस पार्टनरशिप भी यहीं से देखी जाती है। इसका कारण यह है कि ये जो भाव होता है यह दशम का दशम होता है यानी कि दशम भाव से हम कर्म देखते हैं।
कर्म का दशम सप्तम होता है। वहां पर राहु और गुरु दोनों की दृष्टि है। गुरु भी यहां पर देखेंगे तो यह स्थिति आपके लिए इस भाव को एक्टिव करने वाली हो जाएगी। जितने भी लोग अपना काम पार्टनरशिप में करना चाहते हैं। वहां पर चीजें बहुत अच्छी हो जाएंगी। आय के लिहाज से अच्छा रहने वाला है। कर्म के लिहाज से भी चीजें आपको थोड़ी सी अच्छे फल करके जाएंगी। गुरु और राहु जब एक नेगेटिव और एक पॉजिटिव प्लेनेट एक राशि को एक्टिवेट करते हैं, तो उसके फल डेफिनेटली बहुत अच्छे मिलते हैं। पराक्रम भाव, सप्तम भाव एक्टिव हो जाएगा। 11वां भाव एक्टिव हो जाएगा। ये तो ट्रायंगल एक्टिवेट होगा। इसके कुछ ड्रॉबैक भी आपको देखने को मिलेंगे। केतु यहां पर फिफ्थ हाउस में है। जिन लोगों के घर में संतना होने वाली है या जो प्रेगनेंसी के दौर से गुजर रहे हैं। उन लोगों को बहुत सावधान रहना होगा। केतु यहां पर आ गए हैं। गुरु इस भाव के कारक होकर वह तीसरे भाव में बैठे हैं। यह अच्छी पोजीशन नहीं है। गुरु का गोचर अच्छा नहीं रहेगा और शनि का गोचर भी अच्छा नहीं रहेगा।
शनि इस भाव से अष्टम में गोचर कर रहे हैं। यहां से पंचम से हम काउंट करेंगे तो शनि अष्टम में आ जाएंगे। जितने लोगों फैमिली प्लानिंग करने के बारे में सोच रहे हैं, उन्हें थोड़ा सा एक्स्ट्रा केयरफुल रहना पड़ेगा। जिनके यहां पर संतान ऑलरेडी है, उनको संतान पक्ष कोई न कोई परेशानी आ सकती है।जितने भी मेष राशि के जातक हैं, उन्हें फिफ्थ से संबंधित सिग्निफिकेंट थोड़े से डिस्टर्ब हो सकते हैं। केतु यहां फिफ्थ में अच्छा फल नहीं करेंगे। केतु कुल वृद्धि के कारक कहे जाते हैं। लेकिन यहां पर शनि अष्टम में आ गए हैं। गुरु तीसरे भाव में चले गए हैं इसलिए प्रेगनेंसी वाला मामला थोड़ा सा डिस्टर्ब करने वाला हो सकता है। केतु यहां पर बैठे हैं, तो नाइंथ हाउस को भी एक्टिव कर रहे हैं। अगर आप धार्मिक स्थान पर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो केतु अध्यात्म के कारक है। लेकिन यहां पर डिस्टरबेंस हो सकती है। इस अवधि के दौरान अगर आप कहीं पर घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि ये डेढ़ साल गोचर रहेगा। इस डेढ़ साल के दौरान कहीं पर धार्मिक यात्रा प जाना है कहीं कोई अध्यात्मिक एक्टिविटी में भाग लेना हैं तो वहां पर थोड़ा सा ध्यान रखना पड़ेगा। शनि की दशम दृष्टि भी यहां पर आ रही है, तो दो पाप ग्रहों का प्रभाव आपके भाग्य स्थान के ऊपर रहेगा। भाग्य स्थान के ऊपर दो पाप ग्रहों के प्रभाव का मतलब है कि आपको एफर्ट्स के मुकाबले उसके रिजल्ट कम मिले। केतु यहां पर बैठेंगे तो चंद्रमा को भी देखेंगे। चंद्रमा के ऊपर जब केतु का प्रभाव पड़ता है। चंद्रमा और राहु जो है और केतु और राहु चंद्रमा और सूर्य को ग्रहण लगाते हैं। जब चंद्रमा केतु के प्रभाव में आ जाता है, तो मन थोड़ा सा व्यतीत हो जाता है।
यहां पर यह यह वाला ट्रायंगल जो है व एक्टिवेट हो जाएगा। एक ट्रायंगल 11, तीन और सात का एक राशि का पंचम का और नाइंथ का ये दो ट्रायंगल एक्टिवेट होंगे। दोनों ही ट्रायंगल का एक्टिवेट होने का मतलब है कि कुछ चीजें जो है वो बहुत पॉजिटिव हो जाएंगी। शनि का जो प्रभाव है यानी कि जो साढ़े साती का पहला फेस फरवरी 2028 तरह आपके ऊपर उसका प्रभाव रहेगा। इस बीच नवंबर 2026 तक राहु उसको बैलेंस करने की कोशिश करेंगे। हालांकि राहु उसके बाद भी जब आएंगे तो आपके दशम में ही आएंगे। तो वो गोचर जो है वो बैलेंस हो जाएगा। शनि की जो पहली ढैया है साढ़े साती की उसको बैलेंस करने के लिए राहु के ये जो 3 साल का गोचर है ये डेफिनेटली आपको बहुत हेल्प करेगा। अगर आपकी कुंडली में राहु खराब हैं तो कुछ उपाय जरूर करना चाहिए।
उपाय- खराब वराहु को ठीक करने के लिए घर में साफ-सफाई का काम कर रहे कर्मचारी को खाना खिलाना चाहिए। अगर आप मां वैष्णो देवी दर्शन करने के लिए जा रहे हैं, तो भैरव बाबा के दर्शन भी जरूर करें। भैरव बाबा की पूजा करना राहु का बहुत अच्छा उपाय होता है। सफाई कर्मचारी की सेवा करना भी बहुत अच्छा माना जाता है।अगर घर के आसपास कुष्ठ आश्रम या अंध आश्रम है, तो वहां पर जाकर उन लोगों की सेवा करें। यह उपाय करने से आपको निश्चित तौर पर बहुत फायदा होगा।
नरेश कुमार
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