Edited By Sarita Thapa,Updated: 23 Mar, 2025 12:09 PM
Rahu Transit 2025: राहु और केतु हमेशा वक्री अवस्था में रहते हैं लेकिन इन ग्रहों का गोचर जो है वह बड़े इंस्टेंट रिजल्ट देता है। यह हमेशा वक्री अवस्था में रहते हैं। इनका कोई फिजिकल एक्जिस्टेंस नहीं होता। इनका फिजिकल एक्जिस्टेंस नहीं होता है।
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Rahu Transit 2025: राहु और केतु हमेशा वक्री अवस्था में रहते हैं लेकिन इन ग्रहों का गोचर जो है वह बड़े इंस्टेंट रिजल्ट देता है। यह हमेशा वक्री अवस्था में रहते हैं। इनका कोई फिजिकल एक्जिस्टेंस नहीं होता। इनका फिजिकल एक्जिस्टेंस नहीं होता है। फिजिकल एक्जिस्टेंस जैसे सन, मून, गुरु, जुपिटर, वीनस, मरकरी का है। इसी तरह से राहु केतु वो दो इमेजिनरी पॉइंट है। लेकिन इंडियन माइथोलॉजी या इंडियन एस्ट्रोलॉजी के हिसाब से चलते हैं, तो ये दो इमेजिनरी पॉइंट है। एक राहु है एक केतु है। राहु आपको इमेजिनेशन ज्यादा देता है यदि वो पॉजिटिव पोजीशन में है, तो आपको पॉजिटिव इमेजिनेशन बहुत होगी यदि वह नेगेटिव पोजीशन में है। आपकी कुंडली में तो आपके विचार नेगेटिव साइड की तरफ ज्यादा चलेंगे। हम सोचते हैं वह हम बन जाते हैं यदि ज्यादा नेगेटिव सोचेंगे तो हमारी पर्सनैलिटी नेगेटिविटी की तरफ चली जाएगी यदि हम पॉजिटिव सोचेंगे तो हमारी पर्सनैलिटी भी पॉजिटिव होगी।
राहु अभी फिलहाल तो मीन राशि में गोचर कर रहे हैं 29 मई 2025 को राहु का गोचर होगा। 29 मई 2025 से लेकर 25 नवंबर 2026 तक ये गोचर है। ये लगभग डेढ साल का गोचर होता है और डेढ़ साल के गोचर में राहु पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में रहेंगे और यह अपने ही सत् विशा नक्षत्र में आ जाएंगे। फिर धनिष्ठा नक्षत्र में आएंगे। यह मंगल का नक्षत्र है, तो इन तीन नक्षत्रों में में गोचर करेंगे। राहु इसके अलावा केतु का गोचर जो है वो सिंह राशि में होगा। राहु और केतु जो है इनकी फिजिकल एसिस्टेंसिया नहीं होती है और इनकी अपनी कोई राशि नहीं होती। राहु यह जो करते हैं जिस राशि में बैठते हैं उस राशि के फल करते हैं। जिस ग्रह के साथ बैठ जाते हैं उस ग्रह के फल करते हैं। किसी कुंडली में राहु मीन राशि में बैठे हुए हैं तो मीन राशि के साथ-साथ धनु राशि का भी फल करेंगे क्योंकि वह दोनों गुरु की राशियां हैं। अगर राहु गुरु के साथ ही बैठे हुए हैं, तो राहु गुरु के भी फल कर जाएंगे। यह चंडाल योग होता है लेकिन सारे केसेस में यह चंडाल योग नहीं होता। कई जगहों में यह योग में कन्वर्ट हो जाता है। यह जिस ग्रह के साथ बैठते हैं उसके अच्छे या बुरे फल भी देते हैं। अष्टम में बैठेंगे तो अष्टम के फल कर जाएंगे। भाग्य स्थान में बैठे हैं, तो भाग्य स्थान के फल कर जाएंगे। ये राहु और केतु का गोचर होता है। केतु भी जिस राशि के साथ बैठेंगे उस राशि के फल कर जाएंगे। जिस प्लेनेट के साथ बैठते हैं उस प्लेनेट के फल कर जाएंगे। गोचर में भी यही स्थिति होती है। इनका प्रभाव बहुत तीव्र होता है।
वृष राशि के जातकों का गोचर दशम भाव में होगा। जितने भी पाप ग्रह हैं खासतौर पर सूर्य, राहु और केतु यह तीसरे, छठे और दसवें और 11वें में अच्छा फल करते हैं। इसका मतलब यह है कि राहु यहां पर आपके लिए बहुत अच्छा फल करेंगे। कुंडली के मुताबिक राहु का गोचर 10वें भाव में शनि आपके लिए 11वें भाव में आ गए है। पाप ग्रह शनि भी अच्छा फल करेंगे। शनि वत राहु कुज केतु दोनों ही पाप ग्रह आपके लिए अच्छे गोचर होने वाले हैं। राहु का गोचर बहुत अच्छा है। सबसे पहले यहां पर जब राहु आएंगे तो केतु ओबवियसली फोर्थ भाव में आ जाएंगे। फोर्थ भाव आपका नेटिव स्थान होता है। राहु दशम में आपका स्थान परिर्वतन करवा देते हैं। इसका मतलब यह है कि 29 मई के बाद 2026 नवंबर 25 नवंबर के बाद ऐसी स्थिति आ सकती है कि आपका स्थान परिवर्तन हो जाए। जो लोग कहीं पर नौकरी कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपका ट्रांसफर हो जाएगा। जो लोग कारोबार कर रहे हैं, उन्हें मल्टीपल सोर्स ऑफ इनकम हो जाए। जब राहु दशम में आते हैं, तो मल्टीपल सोर्स को क्रिएट कर देते हैं। जितने भी वृष राशि के जातक हैं, उन्हें इन चीजों के लिए मानसिक तौर पर तैयार रहना चाहिए।
दूसरा जब राहु यहां पर आते हैं, तो आपको स्ट्रेटजी मेकिंग वाली पोजीशन दे देते हैं। यहां पर जितने भी रणनीति बनाने वाले काम है। उनके लिए यहां पर कई खास मौके क्रिएट हो जाते हैं। राहु आपको यहां पर बैठकर पौजीशन भी देंगे और कार्यस्थल पर आपका प्रभाव भी बढ़ाएंगे। निश्चित तौर पर राहु जब शनि की राशि में वृष का लग्न होता है। उसके लिए शनि भाग्य स्थान के स्वामी होते हैं। राहु जब बैठेंगे तो दोनों राशियों को फल कर जाएंगे। यहां पर युगा कारक ग्रह शनि अपने गोचर में अच्छ् फल करेंगे ही करेंगे लेकिन राहु 9वें और 10वें का फल कर जाएंगे। राहु जब वृष राशि के जातकों के लिए 9वें और 10वें का फल करेंगे तो निश्चित तौर पर भाग्य भी साथ देगा। कारोबार में भी वृद्धि होगी और आपकी पोजीशन में भी वृद्धि होगी। यहां पर राहु का गोचर आपके लिए बहुत अच्छा रहने वाला है।
जब राहु का गोचर शुभ हो जाता है। तब केतु का गोचर बह थोड़ा सा तंग कर सकता है। केतु का गोचर फोर्थ हाउथ में हो रहा है। यहां पर केतु का फोर्थ हाउस में गोचर बहुत नेगेटिव होता है। जहां पर आप जन्म लेते हैं। फोर्थ हाउथ आपके मन का भाव होता है। यहां पर जब केतु का गोचर होता है। यह काल पुरुष की कुंडली में चंद्रमा का भाव होता है। यहां पर जब केतु का गोचर होता है, तो मानसिक तौर पर आपको कोई न कोई परेशानी का सामना जरूर करना पड़ता है। राहु के तो अच्छे फल मिलेंगे लेकिन केतु को लेकर थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता है। यदि आपका काम प्रॉपर्टी से जुड़ा हुआ है, तो कोशिश करे कि यह काम पहले ही हो जाए। यहां पर जब केतु आ जाएंगे तो प्रॉपर्टी से जुड़े मामले में थोड़ी सी अड़चने आ सकती है। केतु का यह गोचर शुभ नहीं है। राहु और शनि का गोचर आपके लिए बहुत अच्छा रहने वाला है। राहु यहां पर बैठकर आपके धन भाव को एक्टिव करेंगे। यह आपके कुटुंब और वाणी का भाव होता है। यहां से आप किसी को प्रभावित कर सकते हैं। गुरु यहां पर धन भाव के कारक होकर धन भाव में बैठे हैं। यह आपके लिए अच्छा फल करेंगे। शनि 11वें भाव में बैठकर अच्छा फल करेंगे। राहु दशम में अच्छा फल करेंगे। निश्चित तौर पर ये आपके लिए बहुत अच्छा होने वाला है। यहां पर जब राहु बैठेंगे तो इस भाव को एक्टिव करेंगे। यह छठा रोग ऋण शत्रु का भाव होता है। यहां पर गुरु की भी दृष्टि आएगी और राहु की भी दृष्टि आएगी। इस भाव के एक्टिव होने से जितने भी कोर्ट से संबंधित केस में उलझे हुए है। यह सारे मामले यहां पर फिक्स होते हुए नजर आएंगे। कर्ज की स्थिति भी आपके लिए अच्छी होती हुई नजर आएगी। गुरु के प्रभाव के कारण शनि भी आपके लिए अच्छे गोचर में आ जाएंगे।
लेकिन थोड़ा सा ध्यान आपको रखना पड़ेगा। केतु इस भाव को देखेंगे ये अष्टम भाव होता है। यह सडन लॉस और सडन प्रॉफिट का भाव है। चूंकि केतु का गोचर शुभ नहीं है, तो आपको गाड़ी थोड़ा सा धीमी चलानी पड़ेगी। सीक्रेसी थोड़ी सी आपको मेंटेन रखनी पड़ेगी क्योंकि जब सीक्रेसी में सेंध लगती है, तो आपका पैसा सारा उठ जाता है, जो ऑनलाइन बैंकिंग इंटरनेट बैंकिंग में यूपीआई के पासवर्ड में आपको खास तौर पर सावधानी रखनी पड़ेगी। केतु यहां पर देख रहे हैं और यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए भी नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि शनि की दशम दृष्टि यहां पर है। केतु और शनि दोनों ही एक चीज को एक्टिव कर रहे हैं और दोनों ही नेगेटिव है। यह भाव दुर्घटना का भाव होता है। जब केतु की दिशाओं में एक्सीडेंट होता है, तो बहुत बुरा होता है। व्यक्ति जो है उसको नुकसान ज्यादा पहुंचता है तो कोशिश करिए कि इस अवधि में गाड़ी थोड़ा सा धीमी चलाएं क्योंकि अष्टम भाव दो पाप ग्रहों के प्रभाव में आ जाएगा। हालांकि गुरु की दृष्टि उससे परे रहेगी लेकिन दो पाप ग्रहों के प्रभाव में अष्टम का अच्छा नहीं है। यहां पर केतु 12वें भाव को देखेंगे। ये खर्चे का भाव है। खर्चे कुछ एडिशनल आ सकते हैं। यदि आपको एडिशनल खर्चे आ रहे हैं, तो कोशिश करिए थोड़ा सा पैसा जो है वो अपने पार्टनर के नाम पर सेव करिए। कुटुंब भाव और धन भाव में गुरु बैठा है। लेकिन अल्टीमेटली केतु के प्रभाव से खर्चे भी थोड़े से बढ़ सकते हैं। इन दो चीजों को लेकर सावधान रहना पड़ेगा। प्रॉपर्टी खरीद, प्रॉपर्टी बेचने के मामले और गाड़ी चलाने के मामले में खास तौर पर ध्यान देने की आवश्यकता है। राहु का गोचर, गुरु का गोचर और शनि का गोचर आपके लिए अच्छा है रहने वाला है। राहु के गोचर में तीन चीजें एक्टिवेट हो रही है। एक तो यहां पर केतु इस भाव को एक्टिव करेंगे।
यहां पर यह वाला ट्रायंगल जो है व एक्टिवेट हो जाएगा। एक ट्रायंगल 11, तीन और सात का एक राशि का पंचम का और नाइंथ का ये दो ट्रायंगल एक्टिवेट होंगे। दोनों ही ट्रायंगल का एक्टिवेट होने का मतलब है कि कुछ चीजें जो है वो बहुत पॉजिटिव हो जाएंगी। शनि का जो प्रभाव है यानी कि जो साढ़े साती का पहला फेस फरवरी 2028 तरह आपके ऊपर उसका प्रभाव रहेगा। इस बीच नवंबर 2026 तक राहु उसको बैलेंस करने की कोशिश करेंगे। हालांकि राहु उसके बाद भी जब आएंगे तो आपके दशम में ही आएंगे। तो वो गोचर जो है वो बैलेंस हो जाएगा। शनि की जो पहली ढैया है साढ़े साती की उसको बैलेंस करने के लिए राहु के ये जो 3 साल का गोचर है ये डेफिनेटली आपको बहुत हेल्प करेगा। अगर आपकी कुंडली में राहु खराब हैं तो कुछ उपाय जरूर करना चाहिए।
उपाय- खराब वराहु को ठीक करने के लिए घर में साफ-सफाई का काम कर रहे कर्मचारी को खाना खिलाना चाहिए। अगर आप मां वैष्णो देवी दर्शन करने के लिए जा रहे हैं, तो भैरव बाबा के दर्शन भी जरूर करें। भैरव बाबा की पूजा करना राहु का बहुत अच्छा उपाय होता है। सफाई कर्मचारी की सेवा करना भी बहुत अच्छा माना जाता है।अगर घर के आसपास कुष्ठ आश्रम या अंध आश्रम है, तो वहां पर जाकर उन लोगों की सेवा करें। यह उपाय करने से आपको निश्चित तौर पर बहुत फायदा होगा।