रजरप्पा मंदिरः भूख लगने पर मां छिन्नमस्तिका ने काट लिया अपना सिर

Edited By Jyoti,Updated: 12 Apr, 2019 11:56 AM

rajrappa temple at ranchi

चैत्र नवरात्रि के दौरान मां के मंदिर में अधिक भीड़ देखने को मिलती है। आज हम आपको माता रानी के ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो देशभर में काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर का नाम है रजरप्पा, जो झारखंड की राजधानी रांची से 80 कि.मी दूर स्थित है।

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
चैत्र नवरात्रि के दौरान मां के मंदिर में अधिक भीड़ देखने को मिलती है। आज हम आपको माता रानी के ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो देशभर में काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर का नाम है रजरप्पा, जो झारखंड की राजधानी रांची से 80 कि.मी दूर स्थित है। रजरप्पा के भैरवी भिड़ा और दामोदर नदी के संगम पर स्थित मां छिन्नमस्तिक मां का मंदिर देश के नहीं बल्कि विश्व के लोगों की आस्था का केंद्र है। कहा जाता है कि असम के कामाख्या मंदिर के बाद दुनिया में शक्तिपीठ के रूप में मां छिन्नमस्तिका मंदिर लोकप्रिय है।
PunjabKesari, Devi Chinnamastika, Rajrappa temple at Ranchi
बता दें कि रजरप्पा का यह सिद्धपीठ केवल एक मंदिर के लिए नहीं बल्कि और कई मंदिरों के लिए विख्यात हैं। बताया जाता है ये कुल साल मंदिर हैं जो यहां के प्रसिद्धि का कारण है। ये हैं वो मंदिर- महलकाली मंदिर, सूर्य मंदिर, दश महाविद्या मंदिर, बाबा धाम मंदिर, शंकर मंदिर और विराट रूप मंदिर। 

Chaitra Navratri 2019 : नवरात्रि में किसी भी 1 दिन कर लें ये काम, साक्षात मां देंगी दर्शन (VIDEO)

परिसर की उत्तरी दीवार के साथ, शिलाखंड पर दक्षिण की ओर मुख किए माता छिन्नमस्तिके का दिव्य रूप अंकित है। इस शिलाखंड में मां की तीन आंखें हैं। कमल पुष्प पर खड़ी मां का बायां पांव आगे की ओर है। पांव के नीचे उल्टी मुद्रा में कामदेव और रती सोए हुए हैं।
PunjabKesari, Devi Chinnamastika, Rajrappa temple at Ranchiइनके गले में सांपों और मुंडों की माला सुशोभित हैं। बिखरे-खुले केश, जीभ बाहर आभूषणों से सुशोभित मां नग्न अवस्था में हैं। दाएं हाथ में तलवार और बाएं हाथ में अपना सिर कटा मस्तक। इसके अगल-बगल डाकिनी-शाकिनी हैं। जिन्हें वे रक्तपान करा रहीं हैं और खुद भी रक्त पान कर रहीं हैं। मां छिन्नमस्तिका के गले से रक्त की तीन धराएं बह रही हैं।

मां के इस मंदिर का मुख्यद्वार पूर्वमुखी है। मंदिर के सामने बली का स्थान है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में इस स्थान पर रोज़ाना 100-200 बकरों की बलि दी जाती थी।
PunjabKesari, Devi Chinnamastika, Rajrappa temple at Ranchi
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार भूख से तड़पती मां छिन्नमस्तिका ने अपना ही सिर काट लिया था। जिस कारण इन्हें छिन्न मस्तिका कहा जाता है। माता का यह स्वरूप अत्यंत ही रौद्र है।
 

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!