Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Aug, 2024 06:51 AM
रक्षा सूत्र को सामान्य बोलचाल की भाषा में राखी कहा जाता है जो वेद के संस्कृत शब्द ‘रक्षिका‘ का अपभ्रंश हैं। इसका अर्थ है- रक्षा करना, रक्षा करने
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Raksha Bandhan 2024 Mantra: रक्षा सूत्र को सामान्य बोलचाल की भाषा में राखी कहा जाता है जो वेद के संस्कृत शब्द ‘रक्षिका‘ का अपभ्रंश हैं। इसका अर्थ है- रक्षा करना, रक्षा करने को तत्पर रहना या रक्षा करने का वचन देना। धागा केवल अचेतन वस्तु न होकर सिल्क या सूत के कई तारों को पिरोकर तैयार होता है। यह भावनात्मक एकता का प्रतीक है इसलिए इसे पवित्र माना जाता है।
Raksha Bandhan 2024: रक्षा बंधन का त्यौहार सावन की पूर्णिमा को मनाया जाता है इसलिए इसे सावनी या सूलनो भी कहते हैं। रक्षा बंधन का त्यौहार बहन-भाई के रिश्ते को सदा जीवित रखता है और प्रेम में बांधे रखता है। यह एक दूसरे के प्रति प्यार, विश्चास, आशा और बलिदान को जाग्रत करता है। बहन अपने भाई के लिए सदा मंगल कामना करती है व भाई-बहन के लिए रक्षा के वायदे करता है।
Raksha Bandhan puja vidhi: इस दिन बहनें सुबह नहाकर साफ-सुंदर वस्त्र पहन कर भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। एक थाली में राखी, कुमकुम, केसर, मिठाई व शुद्ध घी का दीया रखती हैं। राखी बांधने के बाद भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारते हुए भगवान से उनके लिए वरदान मांगती हैं। मुंह मीठा करवाने के बाद वे हंसी-मजाक के साथ शगुन मांगती हैं। भाई भी उन्हें शगुन या गिफ्ट के रूप में कुछ न कुछ देते हैं।
Raksha Bandhan 2024 Puja Vidhi Mantra: शास्त्रों के अनुसार वैदिक मन्त्रों से अभिमंत्रित व कुछ वैदिक उपचारों से ऊर्जावान बनाए गए सूत्रों को धारण करने से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा होती है और व्याधियां एवं दरिद्रता दूर होती हैं। इस मंत्र की ऊर्जा का प्रभाव एक वर्ष तक रहता है। यहां तक कि शरीर शुद्धि के बावजूद बिना अभिमंत्रित किए सूत्र को धारण किए कोई भी व्यक्ति, यहां तक कि ब्राह्मण भी किसी भी धार्मिक कार्यों को करने का अधिकारी नहीं माना जाता।
Rakhi bandhne ka mantra: मंत्रों का उच्चारण विशेष आवृत्ति की तरंगों को पैदा करता है, जो अपने संपर्क में आने वाली सभी चीजों पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। जब रक्षा सूत्र बांधा जाता है तो यह मंत्र उच्चारित किया जाता है -
" ॐ एन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वा मनुबधनानि रक्षे माचल माचल "
अर्थात - जिस रक्षा सूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षा बन्धन से मैं तुम्हें बांधती हूं जो तुम्हारी रक्षा करेगा।