Raksha Bandhan: राम राज्य का सुख भोगने के लिए रखें 3 बातों का ध्यान
Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Aug, 2024 09:34 AM
रक्षा बंधन के त्यौहार का न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जन जागरण के लिए भी रक्षाबंधन के पर्व का उपयोग किया गया था। गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर ने बंग-भंग का विरोध
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Raksha Bandhan 2024: रक्षा बंधन के त्यौहार का न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जन जागरण के लिए भी रक्षाबंधन के पर्व का उपयोग किया गया था। गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर ने बंग-भंग का विरोध करते समय रक्षाबंधन त्यौहार को बंगाल के निवासियों में पारस्परिक भाईचारे और एकता का प्रतीक बनाकर जन-जन को इस आंदोलन से जोड़ने का प्रयास किया था। महाभारत में भी उल्लेख है कि युधिष्ठिर को भगवान कृष्ण ने उनकी तथा उनकी सेना की रक्षा के लिए राखी का त्यौहार मनाने की सलाह दी थी। अनेक धार्मिक प्रसंगों में द्रौपदी द्वारा कृष्ण को राखी बांधने का उल्लेख मिलता है। राखी के इस रेशमी धागे में वह शक्ति है जिससे हर आपदा से मुक्ति मिलती है।
रक्षाबंधन जीवन की मान-मर्यादा और बहन-भाई के नि:स्वार्थ प्यार का प्रतीक है। बहन की सुरक्षा के लिए प्राणों का बलिदान करना पड़े तो भी पीछे नहीं हटने का यह प्रण है। इस राखी में कुछ आध्यात्मिक रहस्य छुपे हुए हैं। इस दिन हर बहन अपने भाई के ललाट पर तिलक लगाती है।
तिलक लगाते समय बहन भाई को स्मृति दिलाती है कि हम आत्मा रूप में भाई-भाई हैं और शरीर के संबंध से बहन-भाई। हमारा पिता अविनाशी है। इसलिए तुम अपने जीवन का दैवी गुणों से श्रृंगार कर सदैव इस संसार में अमर रहो।
दूसरा, तिलक लगाने के बाद बहन, भाई का मुख मीठा कराती है। इसका रहस्य यह है कि तुम्हारे मुख से सदैव मीठे बोल निकलें और तुम सदैव दूसरों को मीठे वचनों की मिठाई बांटते रहो।
तीसरा, बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है। इसका आध्यात्मिक रहस्य यह है कि अपनी आत्मा के अंदर विकार वश जो भी बुराइयां हैं उन्हें परमात्मा की याद व शक्तियों द्वारा भस्म कर, पवित्र रहने का और दूसरों को पवित्र बनाने का संदेश देने की प्रतिज्ञा करो।
राखी के त्यौहार के महत्व को जानकर इन धारणाओं को अपनाएं तो हमारी यह भारत भूमि फिर से राम राज्य अर्थात स्वर्ग बन सकती है।