Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Oct, 2023 07:26 AM
![ram leela](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2023_10image_07_22_531395625ramleela-ll.jpg)
मर्यादा पुरुषोत्तम रघुकुल शिरोमणि इक्ष्वाकु वंशज भगवान श्री रामचंद्र जी का भारत भूमि पर अवतार हुए नौ लाख वर्ष से भी अधिक का काल व्यतीत हो चुका है। मानव रूप में की गई उनकी लीलाएं
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Ram Leela: मर्यादा पुरुषोत्तम रघुकुल शिरोमणि इक्ष्वाकु वंशज भगवान श्री रामचंद्र जी का भारत भूमि पर अवतार हुए नौ लाख वर्ष से भी अधिक का काल व्यतीत हो चुका है। मानव रूप में की गई उनकी लीलाएं आज इस भौतिकवादी युग में उनके आदर्शों तथा महान कर्तव्यों का आधुनिक पीढ़ी को सहजता से आभास कराती हैं। आधुनिकता में संचार के प्रबल साधनों के बीच भी इन श्रीराम लीलाओं का मंचन अपना विशेष महत्व रखता है।
अपनी प्राचीन संस्कृति तथा गौरवशाली पौराणिक इतिहास को संजोए इनका मंचन प्रभु श्री राम के सत्य, आदर्शों से हमें अवगत करवाता है। भारत में ही नहीं अपितु जावा, सुमात्रा, बाली, इंडोनेशिया, नेपाल, भूटान, म्यांमार आदि देशों में भी श्री राम लीलाओं का बखूबी मंचन किया जाता है। इनमें से कुछ क्षेत्र श्री रामायण के इतिहास से भी जुड़े हुए हैं तथा वहां के लोगों में आज भी प्रभु श्री राम के प्रति अगाध श्रद्धा भावना है। जिसके परिणामस्वरूप वे उन पात्रों को आज भी जीवंत रूप में प्रस्तुत करते हैं। भारत की बात करें तो यहां कण-कण, रोम-रोम में श्री राम बसते हैं। नवरात्रि के पावन अवसर पर इन राम लीलाओं का मंचन किया जाता है तथा दर्शकों को श्री राम के भक्ति रस में सराबोर कर दिया जाता है।
![PunjabKesari Ram Leela](https://static.punjabkesari.in/multimedia/07_24_546915392ram-leela-2.jpg)
श्री राम के चरणों में अनन्य प्रेम भावना का संचार तथा राम भक्ति का प्रचार-प्रसार कर इनका मंचन करने वाले कलाकार तथा आयोजक बधाई के पात्र हैं। आज की युवा पीढ़ी, विशेषकर बच्चे जितना अधिक इससे जुड़ें तथा सद्प्रेरणा लेकर देश व समाज के प्रति अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी समझें उतना ही देश-समाज के हित में होगा।
इनका मंचन करने वाली तमाम संस्थाओं, आयोजकों तथा पात्रों का सजीव चित्रण करने वाले विभिन्न कलाकारों का पूरी श्रद्धा भावना तथा भक्ति रस के ओत-प्रोत विचारों के साथ इनका मंचन करना नितांत आवश्यक है। तभी प्रभु श्री राम के जीवन आदर्शों तथा मर्यादाओं को और तर्कसंगत बनाया जा सकता है।
![PunjabKesari Ram Leela](https://static.punjabkesari.in/multimedia/07_24_597853939ram-leela-3.jpg)