Edited By Prachi Sharma,Updated: 19 Feb, 2025 07:27 AM
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अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर बनाया गया मंदिर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के महज एक साल के भीतर ही कमाई के मामले में विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ वैष्णो देवी और अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर से भी आगे निकल गया है।
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नई दिल्ली (विशेष) : अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर बनाया गया मंदिर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के महज एक साल के भीतर ही कमाई के मामले में विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ वैष्णो देवी और अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर से भी आगे निकल गया है। इतना ही नहीं इसने शिरडी के साईं बाबा मंदिर को भी पीछे छोड़ दिया है। सालाना राजस्व के मामले में राम मंदिर अब देश का तीसरा सबसे बड़ा धार्मिक स्थल बन चुका है। श्रीराम मंदिर की इस उपलब्धि में प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ का भी अहम योगदान है। महाकुंभ के दौरान यहां श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ उमड़ रही है कि मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन को लोगों से यहां कुछ दिन न आने की अपील तक करनी पड़ी। 22 जनवरी को रामलला के अभिषेक के बाद से 130 मिलियन से अधिक श्रद्धालु अयोध्या आ चुके हैं। मंदिर का वार्षिक राजस्व अब 700 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। हालांकि, आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर और केरल स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर अभी भी इस मामले में क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर बरकरार हैं।
वर्तमान में यहां रोजाना 5 लाख से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक आ रहे हैं। यह सिलसिला मकर संक्रांति के बाद से जारी है। बड़ी संख्या में भक्त मंदिर में नकदी के साथ-साथ सोना और चांदी भी दान करते हैं। उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड इकोनॉमिक एसोसिएशन के महासचिव प्रोफेसर विनोद श्रीवास्तव के अनुसार, एक अध्ययन और अनुमान से पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में, आंध्र प्रदेश के तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर को लगभग 1,500-1,650 करोड़ रुपए का वार्षिक दान मिलने की उम्मीद है। केरल में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर 750-850 करोड़ रुपए के अनुमानित वार्षिक संग्रह के साथ दूसरे स्थान पर है।
मंदिर ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा कि ट्रस्ट के 10 दान काउंटरों पर सामूहिक रूप से प्रतिदिन 10 लाख रुपए से अधिक का योगदान प्राप्त हो रहा है। अनुमान बताते हैं कि महाकुंभ के केवल एक महीने में 5 करोड़ रुपए से अधिक का दान एकत्र किया गया है, जिसमें रामलला के सामने रखी 6 दान पेटियों में चढ़ाया गया चढ़ावा भी शामिल है।
राम जन्मभूमि न्यास के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने कहा, “भक्तों की बढ़ती आमद के साथ, अयोध्या भारत के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक बनने की राह पर है, जो आध्यात्मिक और आर्थिक महाशक्ति के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है।”
देश के शीर्ष राजस्व वाले मंदिर (वार्षिक राजस्व)
तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर, आंध्र प्रदेश - 1500-1650 करोड़ रुपए
पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल - 750-850 करोड़ रुपए
राम मंदिर, अयोध्या, उत्तर प्रदेश - 700 करोड़ रुपए
स्वर्ण मंदिर, पंजाब - 650 करोड़ रुपए
वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू और कश्मीर - 600 करोड़ रुपए
शिरडी साईं बाबा मंदिर, महाराष्ट्र - 500 करोड़ रुपए
जगन्नाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा - 400 करोड़ रुपए
अक्षरधाम मंदिर, नई दिल्ली - 200-250 करोड़ रुपए
सोमनाथ मंदिर, गुजरात - 150-200 करोड़ रुपए