Edited By Prachi Sharma,Updated: 23 Nov, 2023 07:54 AM
रामकृष्ण परमहंस के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर सैकड़ों युवक उनसे मिलने के लिए आते रहते थे। एक बार एक अशांत-सा दिखने
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Ramakrishna Paramahamsa story: रामकृष्ण परमहंस के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर सैकड़ों युवक उनसे मिलने के लिए आते रहते थे। एक बार एक अशांत-सा दिखने वाला युवक उनके पास पहुंचा।
वह रामकृष्ण से व्यग्रता भरे स्वर में बोला, “महाराज मुझे अपना शिष्य बना लीजिए। मुझे गुरु मंत्र दीजिए।”
रामकृष्ण ने युवक की परेशान आंखों में झांकते हुए कहा, “तुम्हारे परिवार में कितने सदस्य हैं युवक ! क्या तुम अकेले हो?”
युवक बोला, “मेरे परिवार में और कोई नहीं सिर्फ मेरी बूढ़ी मां है।”
परमहंस थोड़े चिंतित हो गए। रामकृष्ण ने पूछा, “लेकिन मुझसे गुरु मंत्र लेकर तुम संन्यासी क्यों बनना चाहते हो ?”
युवक ने उत्तर दिया, “मैं इस संसार के मायाजाल से मुक्ति चाहता हूं।”
रामकृष्ण ने युवक को समझाया, “अपनी बेसहारा वृद्धा मां को असहाय छोड़ दोगे तो तुम्हें मुक्ति नहीं मिलेगी। तुम्हें वास्तविक मुक्ति तो तभी मिलेगी जब तुम अपनी लाचार मां की सेवा करोगे। इसी में तुम्हारा कल्याण है। मुक्ति कहीं बाहर नहीं है। सेवा के द्वारा आंतरिक संतोष हासिल करना ही मुक्ति है।”