Edited By Prachi Sharma,Updated: 11 Mar, 2025 09:31 AM

हिन्दू धर्म में होली की तरह ही रंग पंचमी के पर्व को बेहद ही खास माना जाता है। यह पर्व होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दौरान हवा में रंग उड़ाने की परम्परा है।
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Rang Panchami: हिन्दू धर्म में होली की तरह ही रंग पंचमी के पर्व को बेहद ही खास माना जाता है। यह पर्व होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दौरान हवा में रंग उड़ाने की परम्परा है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन ही श्री कृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी और देव लोक से सारे देवता पृथ्वी पर होली खेलने आए थे। हवा में रंग उड़ाने से एक तो वातावरण शुद्ध होता है और दूसरा देवताओं आशीर्वाद मिलता है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इसे बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का पर्व।
Rang Panchami Date and Shubh Muhurat 2025 रंग पंचमी डेट और शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 18 मार्च को रात 10 बजकर 9 मिनट से होगी और अगले दिन 20 मार्च को रात को 12 बजकर 36 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। हिन्दू धर्म में हर त्यौहार को उदया तिथि के अनुसार मनाया जाता है। ऐसे में रंग पंचमी का पर्व 19 मार्च को मनाया जाएगा।

शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त - दोपहर 4.51 से 5.38 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02.30 से 03.54 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06.29 मिनट से 06.54 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12.05 मिनट से 12.52 मिनट तक।

रंग पंचमी पूजा विधि
रंग पंचमी का दिन रंगों के खेल के साथ पूजा का भी दिन है। इस दिन पूजा की विधि कुछ इस प्रकार होती है:
सबसे पहले इस दिन घर में और शरीर पर शुद्धता का ध्यान रखें। स्नान करके पवित्र हो जाएं।
इस दिन भगवान कृष्ण और राधा की पूजा करें। उनके चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और फूल चढ़ाएं।
गाय को गुड़ और चना खिलाएं: इस दिन गाय को गुड़ और चना खिलाना शुभ माना जाता है। इससे समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
इस दिन घर के आंगन या बाहर खुले स्थान पर लोग रंग खेलते हैं। लेकिन अगर आप पूजा के दौरान रंगों का मिश्रण करना चाहते हैं, तो
प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें और पानी में फूलों का मिश्रण डालकर रंग खेलें।
राधा कृष्ण को मिठाई और फल का भोग अर्पित करें। खासकर इस दिन मिष्ठान्न, गुड़, दही, और फल अर्पित करने से पुण्य मिलता है।
रंग पंचमी के दिन विशेष रूप से राधे कृष्णा का मंत्र जाप करें। यह दिन राधा कृष्ण की आराधना के लिए सर्वोत्तम समय होता है।
