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Rang Panchami 2025: आज करें इस चालीसा का पाठ, वैवाहिक जीवन में सुख और शांति का होगा वास

Edited By Prachi Sharma,Updated: 19 Mar, 2025 07:32 AM

rang panchami 2025

आज 19 मार्च को रंग पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। आज के दिन देवी-देवता पृथ्वी पर होली खेलने आते हैं और हवा में गुलाल उड़ाया जाता है।

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Rang Panchami 2025: आज 19 मार्च को रंग पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। आज के दिन देवी-देवता पृथ्वी पर होली खेलने आते हैं और हवा में गुलाल उड़ाया जाता है। देवताओं का खास आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए रंग पंचमी का दिन बहुत ही बेहतर माना जाता है। इस दिन एक विशेष चालीसा का पाठ करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है, खासकर वैवाहिक जीवन में। यह चालीसा जीवन में खुशियां और समृद्धि लाने का एक अत्यंत प्रभावी तरीका माना जाता है। तो चलिए जानते हैं आज के दिन कौन सी चालीसा का पाठ करना चाहिए। 

PunjabKesari Rang Panchami 2025

कृष्ण चालीसा का पाठ
॥ दोहा॥
बंशी शोभित कर मधुर,
नील जलद तन श्याम ।
अरुण अधर जनु बिम्बफल,
नयन कमल अभिराम ॥
पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख,
पीताम्बर शुभ साज ।
जय मनमोहन मदन छवि,
कृष्णचन्द्र महाराज ॥

॥ चौपाई ॥
जय यदुनन्दन जय जगवन्दन ।
जय वसुदेव देवकी नन्दन ॥

जय यशुदा सुत नन्द दुलारे ।
जय प्रभु भक्तन के दृग तारे ॥

जय नट-नागर नाग नथैया ।
कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया ॥

पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो ।
आओ दीनन कष्ट निवारो ॥

वंशी मधुर अधर धरी तेरी ।
होवे पूर्ण मनोरथ मेरो ॥

आओ हरि पुनि माखन चाखो ।
आज लाज भारत की राखो ॥

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे ।
मृदु मुस्कान मोहिनी डारे ॥

रंजित राजिव नयन विशाला ।
मोर मुकुट वैजयंती माला ॥

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे ।
कटि किंकणी काछन काछे ॥

नील जलज सुन्दर तनु सोहे ।
छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे ॥

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले ।
आओ कृष्ण बांसुरी वाले ॥

करि पय पान, पुतनहि तारयो ।
अका बका कागासुर मारयो ॥

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला ।
भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला ॥

PunjabKesari Rang Panchami 2025

सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई ।
मसूर धार वारि वर्षाई ॥

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो ।
गोवर्धन नखधारि बचायो ॥

लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई ।
मुख महं चौदह भुवन दिखाई ॥

दुष्ट कंस अति उधम मचायो ।
कोटि कमल जब फूल मंगायो ॥

नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें ।
चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें ॥

करि गोपिन संग रास विलासा ।
सबकी पूरण करी अभिलाषा ॥

केतिक महा असुर संहारयो ।
कंसहि केस पकड़ि दै मारयो ॥20

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई ।
उग्रसेन कहं राज दिलाई ॥

महि से मृतक छहों सुत लायो ।
मातु देवकी शोक मिटायो ॥

भौमासुर मुर दैत्य संहारी ।
लाये षट दश सहसकुमारी ॥

दै भिन्हीं तृण चीर सहारा ।
जरासिंधु राक्षस कहं मारा ॥

असुर बकासुर आदिक मारयो ।
भक्तन के तब कष्ट निवारियो ॥

दीन सुदामा के दुःख टारयो ।
तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो ॥

प्रेम के साग विदुर घर मांगे ।
दुर्योधन के मेवा त्यागे ॥

लखि प्रेम की महिमा भारी ।
ऐसे श्याम दीन हितकारी ॥

भारत के पारथ रथ हांके ।
लिए चक्र कर नहिं बल ताके ॥

निज गीता के ज्ञान सुनाये ।
भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये ॥

मीरा थी ऐसी मतवाली ।
विष पी गई बजाकर ताली ॥

राना भेजा सांप पिटारी ।
शालिग्राम बने बनवारी ॥

निज माया तुम विधिहिं दिखायो ।
उर ते संशय सकल मिटायो ॥


तब शत निन्दा करी तत्काला ।
जीवन मुक्त भयो शिशुपाला ॥

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई ।
दीनानाथ लाज अब जाई ॥

तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला ।
बढ़े चीर भै अरि मुँह काला ॥

अस नाथ के नाथ कन्हैया ।
डूबत भंवर बचावत नैया ॥

सुन्दरदास आस उर धारी ।
दयादृष्टि कीजै बनवारी ॥

नाथ सकल मम कुमति निवारो ।
क्षमहु बेगि अपराध हमारो ॥

खोलो पट अब दर्शन दीजै ।
बोलो कृष्ण कन्हैया की जै ॥

॥ दोहा ॥
यह चालीसा कृष्ण का,
पाठ करै उर धारि।
अष्ट सिद्धि नवनिधि फल,
लहै पदारथ चारि॥

PunjabKesari Rang Panchami 2025


रंग पंचमी पर चालीसा का पाठ
रंग पंचमी के दिन विशेष चालीसा का पाठ करने से पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है। यह चालीसा विशेष रूप से वैवाहिक सुख के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। इस चालीसा का पाठ करने से रिश्तों में सुधार होता है और जो भी समस्या विवाह में आ रही हो, वह दूर होती है।

चालीसा का पाठ करने का तरीका भी महत्वपूर्ण है। इसे एक शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर, पूरी श्रद्धा और ध्यान के साथ किया जाना चाहिए। इस दिन विशेष रूप से व्रत रखने से और पवित्रता का ध्यान रखने से लाभ मिलता है। इस चालीसा का पाठ करते समय, संपूर्ण मन और ध्यान भगवान श्री कृष्ण पर केंद्रित रखें। अपने वैवाहिक जीवन की समृद्धि और खुशहाली के लिए इस चालीसा का पाठ करें। साथ ही साथ संकल्प लें कि आप दोनों एक दूसरे के प्रति श्रद्धा, प्रेम और सम्मान बनाए रखेंगे।

Benefits of reading Krishna Chalisa कृष्ण चालीसा पढ़ने के लाभ

इस चालीसा के पाठ से जीवन साथी के साथ आपके रिश्ते में प्रेम और समझदारी बढ़ती है। यह विश्वास और एक दूसरे के प्रति श्रद्धा को भी मजबूत करता है।

इस पाठ से घर में शांति और सुकून का वातावरण बनता है। किसी भी तरह के मानसिक तनाव और विवाद को दूर करने में मदद मिलती है।

रंग पंचमी पर यह विशेष चालीसा पढ़ने से रिश्ते में एक नयापन और ताजगी आती है, जिससे आप दोनों के बीच और अधिक प्रेम और मित्रता का संचार होता है।
 

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