Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Feb, 2024 06:57 AM
रथ सप्तमी का व्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत में सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस दिन सूर्योदय के समय स्नान और दान करने का बहुत महत्व है। इस साल रथ सप्तमी 16 फरवरी यानी आज के
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Ratha Saptami: रथ सप्तमी का व्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत में सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस दिन सूर्योदय के समय स्नान और दान करने का बहुत महत्व है। इस साल रथ सप्तमी 16 फरवरी यानी आज के दिन मनाई जा रही है। माना जाता है कि रथ सप्तमी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करने से हर कष्ट से मुक्ति मिलती है। साथ ही अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। इसलिए रथ सप्तमी को आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।
Importance of Rath Saptami रथ सप्तमी का महत्व
माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को सूर्य देव ने रथ पर सवार होकर अपनी किरणों से संसार को रोशन किया था इसलिए इसे रथ सप्तमी या सूर्य जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग सुबह उठकर सूर्य की किरणों के साथ सूर्य देव की पूजा करते है। मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने से शारीरिक रोगों खास करके त्वचा संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है।
Method of worship and importance रथ सप्तमी की पूजन विधि
सूर्योदय के समय सूर्य देव को तांबे के लोटे से अर्घ्य देना चाहिए।
अर्घ्य देते समय जल में थोड़ा गंगाजल और फूल भी शामिल कर लें।
फिर घी का दीपक, कपूर और धूप से सूर्य देव की पूजा-अर्चना करें।
सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले आक के सात पत्ते सिर पर रखें।
अर्घ्य देते समय नमस्कार मुद्रा में रहें। साथी ही सूर्य मंत्रों का जाप करें।
अंत में सूर्य देव के सामने व्रत का संकल्प लेकर कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करें।