mahakumb

Ratha Saptami: भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र से जुड़ी है रथ सप्तमी की कथा, पढ़ने से मिलती है हर रोग से मुक्ति

Edited By Prachi Sharma,Updated: 16 Feb, 2024 07:26 AM

ratha saptami

पंचांग के अनुसार आज 16 फरवरी के दिन रथ सप्तमी का पर्व मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार आज के दिन ही सूर्य देव का प्रादुर्भाव हुआ है। सूर्य देव अपने सात घोड़े

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Ratha Saptami 2024: पंचांग के अनुसार आज 16 फरवरी के दिन रथ सप्तमी का पर्व मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार आज के दिन ही सूर्य देव का प्रादुर्भाव हुआ है। सूर्य देव अपने सात घोड़े वाले रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे। कहते हैं कि जो व्यक्ति आज के दिन सूर्य देवता की पूजा करता है उसका जीवन हमेशा रोग मुक्त रहता है। इसी के साथ आपको बता दें कि आज के दिन यदि आप सूर्य देव की तरफ मुख कर के सूर्य स्तुति का पाठ करते हैं तो गंभीर से गंभीर रोग से मुक्ति मिलती है। मान्यताओं के अनुसार ये भी कहा जाता है कि विधि-विधान के साथ अगर ये व्रत किया जाए तो पूरे माघ स्नान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। धार्मिक ग्रंथों में भी इससे जुड़ी कथा का उल्लेख किया गया है। तो चलिए जानते हैं कथा बारे में।

मान्यताओं के अनुसार रथ सप्तमी की कथा श्री कृष्ण के पुत्र से जुड़ी है। श्री कृष्ण के पुत्र सांब को अपने बल पर बहुत अभिमान हो गया था। वो जब चाहे किसी न किसी का अपमान कर देता था। ये सब देखकर काफी लोग परेशान थे लेकिन कुछ कर नहीं पा रहे थे।

PunjabKesari Ratha Saptami

एक दिन दुर्वासा ऋषि श्री कृष्ण से मिलने द्वारका आए। तब जैसे ही सांब ने उन्हें देखा तो उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। ये देखकर ऋषि को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने गुस्से में आकर कुष्ठ रोगी होने का श्राप दे दिया। ये सब देखने के बाद सांब को अपनी गलती का पछतावा हुआ और अपने पिता से इससे मुक्ति पाने का उपाय पूछा। तब उन्होंने अपने पुत्र को कहा कि वो रथ सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा-उपासना करें तभी उसे इस रोग से मुक्ति मिलेगी। सांब ने ऐसा ही किया और उसके जीवन से सारी परेशानियां दूर हो गईं। इसके लिए सूर्य देव को शारीरिक कष्ट को दूर करने वाला देव भी कहा जाता है।

PunjabKesari Ratha Saptami

अन्य कथा:

इस दिन से जुड़ी एक और कथा है। मान्यताओं के अनुसार एक गणिका नामक महिला वशिष्ठ मुनि के पास गई और उनसे कहने लगे कि उसने आपने जीवन में कभी भी धान-पुण्य, पूजा-पाठ नहीं किया है। अब अंत समय निकट आ गया है, अब क्या किया जाए ? तब मुनि ने उन्हें सलाह दी की माघ मास की शुक्ल पक्ष को अचला सप्तमी है। यदि इस दिन नदी में स्नान कर के सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाए तो बहुत हजार गुना दान-पुण्य प्राप्त होता है। इसके अलावा व्रत रख के दिन में एक बार बिना नमक वाला भोजन करें। ऐसा करने से तेरा जीवन सफल हो जाएगा।

PunjabKesari Ratha Saptami

इसके बाद महिला ने ऐसा ही किया और अंत समय में उसे स्वर्ग के राजा इंद्र की अप्सराओं का प्रधान बनने के सौभाग्य प्राप्त हुआ।
 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!