Edited By Sarita Thapa,Updated: 19 Jan, 2025 07:58 AM
Ratha Saptami 2025: सनातन धर्म में सभी सप्तमियों में रथ सप्तमी को सबसे विशेष माना जाता है। यह पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है।
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Ratha Saptami 2025: सनातन धर्म में सभी सप्तमियों में रथ सप्तमी को सबसे विशेष माना जाता है। यह पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल रथ सप्तमी का पर्व 04 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य देव की पूजा करने का विधान है। रथ सप्तमी को भानु सप्तमी और अचला सप्तमी भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन सूर्य देव का जन्म हुआ है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में आने वाली हर समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। तो आइए जानते हैं रथ सप्तमी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
Rath Saptami auspicious time रथ सप्तमी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 04 फरवरी को सुबह 04 बजकर 37 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 05 फरवरी को रात 02 बजकर 30 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, रथ सप्तमी 04 फरवरी को मनाई जाएगी। रथ सप्तमी के दिन स्नान करने का सही समय सुबह 05 बजकर 23 मिनट से लेकर 07 बजकर 08 मिनट तक है।
Rath Saptami puja vidhi रथ सप्तमी की पूजा विधि
रथ सप्तमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
फिर घर के मंदिर को साफ करने के बाद गंगाजल का छिड़काव करें।
इसके बाद पानी में अक्षत, तिल, रोली और दूर्वा मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
अब घी का दीपक जलाकर लाल रंग के फूल और धूप से सूर्य भगवान की पूजा करें।
उसके बाद सूर्य चालीसा और सूर्य कवच का पाठ करें।
अंत में सूर्य देव की आरती करें और घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें।