Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Sep, 2024 06:45 AM
पंचांग के अनुसार आज 29 सितंबर को प्रदोष का व्रत रखा जाएगा। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ये व्रत रखा जाता है।
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Ravi Pradosh Vrat 2024: पंचांग के अनुसार आज 29 सितंबर को प्रदोष का व्रत रखा जाएगा। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ये व्रत रखा जाता है। भगवान शिव को खुश करने के लिए ये दिन बहुत खास होता है। रविवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रवि प्रदोष कहा जाता है। आज के दिन विशेष रूप से भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। रवि प्रदोष व्रत न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने का एक साधन है। इस दिन की गई पूजा और उपायों से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। तो चलिए जानते हैं आज के दिन कौन से उपाय करने चाहिए।
Auspicious time of Ravi Pradosh fast worship रवि प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त
इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- शाम 6:10 से रात्रि 08:30 तक रहेगा।
आज के दिन साध्य योग का भी निर्माण होने जा रहा है।
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 4:35 से सुबह 5:25 के बीच
Do these remedies on Ravi Pradosh day रवि प्रदोष के दिन करें ये उपाय
आज के दिन प्रत्येक बेलपत्र पर ॐ नमः शिवाय लिखकर शिवजी को अर्पित करें। यह उपाय विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
दुर्वा को शिवलिंग पर अर्पित करने से आयुर्वेदिक लाभ प्राप्त होते हैं। इस उपाय को करने से ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है।
शिव चालीसा का पाठ: इस दिन शिव चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे अधूरी इच्छा पूर्ण होती हैं।
मानसिक शांति और धैर्य प्राप्त करने के लिए आज के दिन ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः का जाप करें।
शाम के समय शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, या दही से करें। यह उपाय समस्त परेशानियों का निवारण करता है।
आज रविवार है और आज के दिन सूर्य देव की पूजा करने का भी विधान है। आज सूर्य देव की भी पूजा करें। इससे स्वास्थ्य में सुधार होता है और हर कार्यों में सफलता मिलती है।
आज के दिन जरूरतमंदों को दान देना भी अत्यंत शुभ है। यह दान किसी धार्मिक स्थान पर भी किया जा सकता है।
रवि प्रदोष व्रत का महत्व
यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिनके जीवन में कठिनाईयां और परेशानियां हैं। यह व्रत जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होता है। इस व्रत को करने से मन में शांति और संतोष की भावना बढ़ती है, जो जीवन में संतुलन लाने में मदद करती है।