Edited By Prachi Sharma,Updated: 13 Apr, 2025 10:42 AM
ऋषियों की सभा चल रही थी। एक ऋषि ने जानना चाहा कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश में श्रेष्ठ कौन है ? निर्णय के लिए ऋषियों ने भृगु को चुना। निर्णय करने के लिए भृगु तीनों देवों से मिलने चल पड़े।
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Religious Katha: ऋषियों की सभा चल रही थी। एक ऋषि ने जानना चाहा कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश में श्रेष्ठ कौन है ? निर्णय के लिए ऋषियों ने भृगु को चुना। निर्णय करने के लिए भृगु तीनों देवों से मिलने चल पड़े। वे सबसे पहले ब्रह्मा के पास गए और नमस्कार किए बिना उसके पास जाकर बैठ गए।
ब्रह्मा को क्रोध तो आया, परन्तु भृगु को निकट का समझकर शांत हो गए। इसके बाद भृगु शिव के पास गए। शिव जैसे ही भृगु को स्नेहवश आलिंगन करने के लिए आगे बढ़े, भृगु पीछे हट गए। उन्होंने चिता की भस्म में डूबे शिव को अपना शरीर दूर रखने के लिए कहा। इस पर शिव क्रुद्ध हो गए और त्रिशूल लेकर भृगु को मारने दौड़े। अंतत: पार्वती के समझाने पर शिव शांत हए।
अंत में भृगु विष्णु के पास गए और सोते हुए विष्णु की छाती पर पैर रख दिया। विष्णु ने शांतिपूर्वक यह दुर्व्यवहार झेला तथा भृगु के पैर पकड़ कर बोले, “आपके कोमल पैरों को चोट तो नहीं लगी ?”
सभा में आकर भृगु ने सारा वृतांत सुनाया तो शांत और स्नेह वत्सल विष्णु को ही सर्वश्रेष्ठ देवता घोषित किया गया।