Matsya Dwadashi 2020: पढ़ें, भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कथा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Dec, 2020 06:47 AM

religious story of matsya avatar

भगवान विष्णु ने सृष्टि को प्रलय से बचाने के लिए मत्स्यावतार लिया था। सतयुग की बात है एक दिन राजा सत्यव्रत को नदी में स्नान करते समय एक मछली प्राप्त हुई।

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What is the legend of Matsya: भगवान विष्णु ने सृष्टि को प्रलय से बचाने के लिए मत्स्यावतार लिया था। सतयुग की बात है एक दिन राजा सत्यव्रत को नदी में स्नान करते समय एक मछली प्राप्त हुई। राजा ने उसे वापिस नदी में डाल दिया तो मछली बोली," राजा मेरी रक्षा करो इस जल में रहने वाले बड़े-बड़े जीव-जंतु मुझे खा जाएंगे।"

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Matsyavtar Ki Katha: वह उसे अपने कंमडल में डाल कर राजमहल ले आए। वहां आकर उसका आकार असमान्य तौर पर बढ़ने लगा। जब वह राजमहल के किसी भी पात्र में पूरी नहीं आई तो राजा ने उसे फिर से नदी में बहा दिया और उसे प्रार्थना करी की अपने असली रूप में दर्शन दे।

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Matsya dwadashi vrat katha: सत्यव्रत की प्रार्थना पर मछ्ली ने विष्णु रूप में प्रकट होकर सत्यव्रत से कहा की "सात दिन बाद प्रलय होगी तब तुम एक विशाल नाव में सप्त ऋषियों, औषधियों, बीजों व प्राणियों के सूक्ष्म शरीर को लेकर उसमें बैठ जाना व मैं मत्स्य के रूप में तुम्हारे पास आकर तुम्हें पार लगाऊंगा"।

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lord vishnu avatar: समय के अनुसार वही सब कुछ हुआ तथा प्रलय के बाद मत्स्य रूप धारी श्री हरि ने राजा सत्यव्रत को तत्वज्ञान का उपदेश दिया। जो मत्स्यपुराण के नाम से प्रसिद्ध है।

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Matsya Avatar Story: दूसरी मान्यता के अनुसार जब हयग्रीव ने वेदों को चुरा कर सागर की गहराई में छुपा दिया था। तब श्री हरि ने मत्स्य रूप धारण करके वेदों को प्राप्त कर फिर से स्थापित किया था।

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