Edited By Sarita Thapa,Updated: 27 Jan, 2025 08:04 AM
नई दिल्ली (एजेंसी) कर्तव्य पथ पर रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में हर साल की तरह, सैन्य साजोसामान 90 मिनट की रंगारंग परेड का मुख्य आकर्षण रहा, जो पूर्वाह्न 10.30 बजे शुरू हुई।
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नई दिल्ली (एजेंसी) कर्तव्य पथ पर रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में हर साल की तरह, सैन्य साजोसामान 90 मिनट की रंगारंग परेड का मुख्य आकर्षण रहा, जो पूर्वाह्न 10.30 बजे शुरू हुई। परेड और हेलीकॉप्टर एवं लड़ाकू विमानों की फ्लाई पास्ट देखने के लिए सुबह ही हजारों की संख्या में लोग पहुंच चुके थे। अपनी तरह के पहले प्रदर्शन में 5,000 से अधिक लोक एवं आदिवासी कलाकारों ने देश के विभिन्न हिस्सों की 45 नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया। ‘जयति जय मम भारतम’ शीर्षक वाली 11 मिनट की सांस्कृतिक प्रस्तुति को संगीत नाटक अकादमी ने तैयार किया था।
लकड़ी के खिलौनों से लेकर महाकुंभ तक -राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 16 झांकियां और केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संगठनों की 15 झांकियों में देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं विविध परंपराओं की झलक देखने को मिली। इसके अलावा, ब्रह्मोस, पिनाका और आकाश सहित कुछ अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों का भी प्रदर्शन किया गया। देश की विविधता प्रदर्शित करते हुए रंग-बिरंगे परिधान पहने 300 सांस्कृतिक कलाकारों ने कर्तव्य पथ पर ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन पर मार्च करते हुए 76वें गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत की।
उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब, गुजरात, झारखंड, उत्तराखंड और कुछ अन्य राज्यों की झांकियों में प्रदेशों की संस्कृति एवं विरासत को दर्शाया गया। गणतंत्र दिवस परेड में उत्तर प्रदेश की झांकी में ‘समुद्र मंथन’, ‘अमृत कलश’ और संगम तट पर डुबकी लगाते साधु-संतों के प्रदर्शन के साथ प्रयागराज में जारी महाकुंभ को प्रदर्शित किया गया। उत्तर प्रदेश की झांकी में ‘विकास’ और ‘विरासत’ का अद्धभुत ‘संगम’ भी प्रदर्शित किया गया।
पश्चिम बंगाल की झांकी में महिलाओं को मासिक आय की गारंटी प्रदान करने वाली राज्य की ‘लक्ष्मी भंडार’ योजना और लोक कलाकारों को बढ़ावा देने वाली “लोक प्रसार प्रकल्प” पहल को दर्शाया गया। गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा रही केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक झांकी के माध्यम से सरकार की प्रमुख योजनाओं की सफलता को प्रदर्शित किया गया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की झांकी में भारत के संविधान के प्रति सम्मान व्यक्त करने के साथ इसे देश की विरासत, विकास और भविष्य के लिए मार्गदर्शन की आधारशिला के रूप में चित्रित किया गया। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने अपनी झांकी के माध्यम से कर्तव्य पथ पर आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य पर मनाए जा रहे जनजाति गौरव वर्ष की झलक पेश की।