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Ringing bells in Hindu temple: विज्ञान से भी जुड़ा है मंदिर में ‘घंटी’ बजाने का रहस्य

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Feb, 2025 10:29 AM

ringing bells in hindu temple

Bells in Hindu temples: पुराणों में कहा गया है कि मंदिर में घंटी बजाने से मनुष्य के कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं। माना जाता है कि जब सृष्टि की रचना हुई थी तब जो आवाज गूंजी थी वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है। ऐसी ही आवाज ओंकार के उच्चारण से भी आती...

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Bells in Hindu temples: पुराणों में कहा गया है कि मंदिर में घंटी बजाने से मनुष्य के कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं। माना जाता है कि जब सृष्टि की रचना हुई थी तब जो आवाज गूंजी थी वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है। ऐसी ही आवाज ओंकार के उच्चारण से भी आती है। लगभग सभी मंदिरों में बाहर घंटे या घंटियां लटकी होती हैं, जिन्हें मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्त श्रद्धा के साथ बजाते हैं। मान्यता है कि जिन स्थानों पर घंटी की आवाज नियमित तौर पर आती है, वहां का वातावरण हमेशा सुखद और पवित्र रहता है तथा बुरी एवं नकारात्मक शक्तियां पूरी तरह निष्क्रिय हो जाती हैं।

PunjabKesari  Ringing bells in Hindu temple

यही वजह है कि सुबह-शाम जब भी मंदिर में पूजा या आरती होती है तो एक लय और विशेष धुन के साथ घंटी बजाई जाती है, जिससे वहां मौजूद लोगों को शांति और दैवीय उपस्थिति की अनुभूति होती है।

ऐसी मान्यता है कि घंटी बजाने से मंदिर के देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है, जिसके बाद उनकी पूजा-आराधना फलदायी बन जाती है। मंदिरों में घंटी बजाने का वैज्ञानिक कारण भी है। जब घंटी बजाई जाती है तो उससे वातावरण में कंपन उत्पन्न होता है, जो वायुमंडल में काफी दूर तक जाता है।

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इस कंपन की सीमा में आने वाले जीवाणु-विषाणु आदि सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, जिससे वातावरण में शुद्धता आती है तथा भक्तों को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। एक वैज्ञानिक कारण यह भी है कि जब हम एक बड़े घंटे के नीचे खड़े होकर सर ऊंच करके हाथ उठाकर घंटा बजाते हैं तब प्रचंड घंटानाद होता है।

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यह ध्वनि 330 मीटर प्रति सैकेंड के वेग से अपने स्थान से दूर तक जाती है।
ध्वनि की यह शक्ति कंपन के माध्यम से पूरे वातावरण में गूंजती है।
ध्वनि का यही नाद (आवाज) शरीर से होता हुआ भूमि में प्रवेश करता है। यही ध्वनि आपके मन में चलने वाले नकारात्मक विचारों को अपने साथ ले जाती है और आप निर्विकार अवस्था में परमेश्वर के सामने आ जाते हैं। आपके भाव शुद्धतापूर्वक परमेश्वर को समर्पित हो जाते हैं।
घंटा या घंटी बजाने से हमारा मस्तिष्क ईश्वर की दिव्य ऊर्जा ग्रहण करने के लिए तैयार हो जाता है जिससे मन प्रसन्न होता है तथा असीम शांति का अनुभव होता है।

 

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