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Rudraksha Shivling: 36 लाख रुद्राक्षों की शक्ति से बना गुजरात में 16 फीट ऊंचा शिवलिंग

Edited By Prachi Sharma,Updated: 16 Mar, 2025 11:55 AM

rudraksha shivling

दुनिया का सबसे ऊंचा रुद्राक्ष शिवलिंग गुजरात के वलसाड जिले की धरमपुर तहसील स्थित वांकल गांव में गत दिनों महाशिवरात्रि पर 36 फुट ऊंचे रुद्राक्ष शिवलिंग की स्थापना की गई

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Rudraksha Shivling: दुनिया का सबसे ऊंचा रुद्राक्ष शिवलिंग गुजरात के वलसाड जिले की धरमपुर तहसील स्थित वांकल गांव में गत दिनों महाशिवरात्रि पर 36 फुट ऊंचे रुद्राक्ष शिवलिंग की स्थापना की गई। यह अब विश्व का सबसे ऊंचा रुद्राक्ष शिवलिंग बन चुका है, जिसे इस उपलब्धि के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा सम्मानित किया गया है। इसका निर्माण संत बटुक महाराज ने किया है, जो पहले ही लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड्स में चार बार अपना नाम दर्ज करा चुके हैं।

यह विशेष शिवलिंग 36 लाख रुद्राक्षों से बनाया गया है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ माना जाता है। इसका अभिषेक करने से पुण्य प्राप्त होता है, इसलिए रुद्राक्ष से बने शिवलिंग की पूजा का महत्व बहुत बढ़ जाता है। रुद्राक्ष से बने शिवलिंग को अत्यधिक ऊर्जा से भरपूर और शक्तिशाली माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस पर जल चढ़ाने से शिवलिंग की पूजा के अलावा विशेष फल प्राप्त होता है। प्राकृतिक वातावरण में स्थापित इस महाकाय रुद्राक्ष शिवलिंग के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु वांकल गांव पहुंच रहे हैं। यहां शिवकथा का आयोजन भी किया जा रहा है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक आनंद मिल रहा है।

शिव भक्त शरद ठाकुर ने बताया, ‘‘मुझे यहां आकर ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं शिव जी की शरण में आ गया। मैं कहूंगा कि यह मेरे जीवन का सबसे आनंदमय क्षण है। यह भव्य, दिव्य और अद्भुत शिवलिंग है। मैंने अपने जीवन में ऐसा शिवङ्क्षलग पहली बार देखा है। मैं वर्तमान में जिस तरह से आनंद की अनुभूति प्राप्त कर रहा हूं, उसका वर्णन कर पाना भी मेरे लिए मुश्किल लग रहा है। मैं शिवमय हो रहा हूं।’’

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अध्यक्ष पवन सोलंकी ने बताया कि बटुक भाई ने धर्मपुर में एक विशाल शिवलिंग का निर्माण किया है, जिसे अब उनकी संस्था द्वारा प्रमाणित किया जा चुका है। शिवलिंग 36 फुट ऊंचा और इसका व्यास 16 फुट है। इस शिवलिंग को बनाने में 36 लाख रुद्राक्षों का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे और भी खास बनाता है। उन्होंने आगे बताया कि इस अद्भुत निर्माण के लिए बटुक भाई की टीम को प्रमाण पत्र दिया गया।
बटुक महाराज ने बताया कि उनकी टीम को विश्व के इस सबसे ऊंचे शिवलिंग को स्थापित करने में करीब 76 दिन का समय लगा। 
 

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