Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Jan, 2021 03:53 AM
आज भगवान श्री कृष्ण की पहली पत्नी श्री रुक्मिणी देवी की अष्टमी है। वह भगवान की सोलह हजार एक सौ आठ रानियों में श्रेष्ठ पटरानी थी। उन्होंने विवाह से पहले साधु-संतों के मुख से श्री कृष्ण की लीलाओं का रसपान किया था।
6 January 2021 Rukmini ashtami
आज भगवान श्री कृष्ण की पहली पत्नी श्री रुक्मिणी देवी की अष्टमी है। वह भगवान की सोलह हजार एक सौ आठ रानियों में श्रेष्ठ पटरानी थी। उन्होंने विवाह से पहले साधु-संतों के मुख से श्री कृष्ण की लीलाओं का रसपान किया था। उनके व्यक्तित्व से प्रभावित होकर उन्होंने उनसे विवाह करने का निश्चय किया और पत्र के राही उन्हें अपने दिल की बात बताई। रुक्मिणी जी का भाई उनका विवाह शिशुपाल से करना चाहता था लेकिन रुक्मिणी जी मन में श्री कृष्ण को अपना पति मान चुकी थी।
Rukmini ashtami katha
जिस दिन शिशुपाल और रुक्मिणी का विवाह था उस दिन वह सुबह गौरी पूजन के लिए अपनी सखियों के साथ मंदिर में गई। वहां उन्होंने मां गौरी से भगवान श्री कृष्ण को पति रूप में पाने की प्रार्थना करी। जब वह मंदिर से बाहर निकली तो श्रीकृष्ण ने उनका हाथ थाम कर अपने रथ में बिठा लिया और उन्हें द्वारका की ओर लेकर चल पड़े।
Rukmini ashtami vrat
जब रूक्मिणी के भाई रूक्मी को इस बात का पता लगा तो वह बड़ी सेना लेकर श्रीकृष्ण के साथ युद्ध करने लगे। श्रीकृष्ण ने उसे युद्ध में हराकर अपने रथ से बांध दिया, किन्तु बलराम जी ने उसे छुड़ा लिया। भगवान श्रीकृष्ण ने रूक्मिणी को द्वारका ले जाकर उनके साथ विधिवत प्रथम विवाह किया। प्रद्युमन जी उन्हीं के गर्भ से उत्पन्न हुए थे, जो कामदेव के अवतार थे।
Rukmini ashtami puja
शास्त्रों के अनुसार देवी रूक्मिणी मां लक्ष्मी का अवतार हैं। माना जाता है की आज के दिन भगवान श्री कृष्ण, देवी रूक्मिणी और उनके बेटे प्रद्युम्न जी का पूजन करने से घर में हमेशा सुख-शांति, धन-सम्पदा और खुशहाली बनी रहती है। जिन लोगों की शादी न हो रही हो उन्हें अवश्य यह पूजन करना चाहिए।
Rukmini ashtami upay
आज रात जागरण कर श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करें।
सुहागन स्त्रियों को अपने घर बुलाकर भोजन करवाएं और दक्षिणा दें।
घर के मंदिर में सुबह और शाम गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाकर कपूर से श्रीकृष्ण और देवी रूक्मिणी की आरती करें।