Edited By Prachi Sharma,Updated: 30 Nov, 2024 07:15 AM
उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहम निर्देश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने निचली कोर्ट को इस मामले में कोई एक्शन न लेने और उत्तर प्रदेश सरकार से हिंसा प्रभावित शहर में शांति एवं सद्भाव...
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नई दिल्ली (प.स.): उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अहम निर्देश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने निचली कोर्ट को इस मामले में कोई एक्शन न लेने और उत्तर प्रदेश सरकार से हिंसा प्रभावित शहर में शांति एवं सद्भाव बनाए रखने को कहा।
19 नवम्बर को संभल के दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने हिंदू पक्ष की याचिका पर गौर करने के बाद ‘एडवोकेट कमिश्नर’ से मस्जिद का सर्वेक्षण कराने का एकपक्षीय आदेश पारित किया था। याचिका में दावा किया गया था कि मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट बाबर ने 1526 में एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद कराया था। आदेश के बाद 24 नवम्बर को इलाके में हिंसा हुई जिसमें 4 लोगों की जान चली गई। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने संभल जिले में शांति बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और निर्देश दिया कि मस्जिद सर्वेक्षण के बाद ‘कोर्ट कमिश्नर’ द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को सीलबंद कर दिया जाए तथा इसे अगले आदेश तक न खोला जाए।
3 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित
उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 नवम्बर को संभल में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन की घोषणा की है।
अपर मुख्य सचिव (गृह) दीपक कुमार की ओर से बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना में कहा गया कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ने जनहित में और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए गहन जांच करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद के सर्वेक्षण मामले में रिपोर्ट पूरी तैयार नहीं होने पर अब अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी और अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया है।