Edited By Prachi Sharma,Updated: 18 Dec, 2024 07:38 AM
संभल के श्री कार्तिक महादेव मंदिर (भस्म शंकर मंदिर) में मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में विभिन्न क्षेत्रों से आए भक्तों ने भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना की।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
संभल (एजैंसी): संभल के श्री कार्तिक महादेव मंदिर (भस्म शंकर मंदिर) में मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में विभिन्न क्षेत्रों से आए भक्तों ने भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना की।
मंदिर के पुजारी शशिकांत शुक्ला ने बताया कि मंगलवार भगवान हनुमान का दिन होता है इसीलिए आज सुबह करीब चार बजे मंदिर की सफाई की गई, भगवान हनुमान को चोला चढ़ाया गया, हनुमान चालीसा का पाठ किया गया और मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव का श्रृंगार किया गया।
उन्होंने बताया कि दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। शुक्ला ने कहा, ‘यह सोचकर मेरा दिल व्यथित हो जाता है कि इतने वर्षों तक देवी-देवता अंधेरे में रहे और मूर्तियों को कुएं में फेंक दिया गया।' उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संभल के जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को धन्यवाद दिया।
मंगलवार को मंदिर में आए श्रद्धालु विक्की कुमार ने कहा, ‘हम संभल में रहते हैं। इतना प्राचीन मंदिर 46 साल बाद खुला है, इसलिए आज मंगलवार के दिन मैं अपने परिवार के साथ दर्शन करने आया हूं।''श्री कार्तिक महादेव मंदिर (भस्म शंकर मंदिर) को 13 दिसम्बर को फिर से खोला गया था जब अधिकारियों ने कहा था अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान उन्हें यह ढांचा मिला था। मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति और शिवलिंग स्थापित थे। यह 1978 से बंद था। मंदिर के पास एक कुआं भी है के काल निर्धारण की एक प्रविधि है। प्रशासन ने कहा कि भक्तों ने मंदिर में आना शुरू कर दिया है और चौबीसों घंटे इसकी सुरक्षा की जा रही है। जिलाधिकारी ने पहले कहा था, ‘‘यह कार्तिक महादेव का मंदिर है। यहां एक कुआं मिला है। यह अमृत कूप है। यहां सुरक्षा गार्ड स्थायी रूप से तैनात किए गए हैं और सी.सी.टी.वी कैमरे भी लगाए गए हैं। मंदिर में पूजा भी शुरू हो गई है। यहां अतिक्रमण है, जिसे हटाया जा रहा है।'' यह पूछे जाने पर कि क्या मंदिर का सौंदर्यीकरण किया जाएगा ?
उन्होंने कहा था, ‘‘सबसे पहले मंदिर की प्राचीनता सुनिश्चित की जाएगी।'' इस बीच, अतिक्रमण के तौर पर चिह्नित एक मकान के मालिक मतीन अहमद ने कहा कि उनके घर के नक्शे में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ऊपर के हिस्से में करीब ढाई फुट की बालकनी है। सिर्फ यही हिस्सा अतिक्रमण है। हमने प्रशासन से बात की है और इसे तोड़ रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि यह काम चार से पांच दिन में पूरा हो जाएगा।
अहमद ने बताया कि उन्होंने अपनी बालकनी को तिरपाल से ढक दिया है ताकि तोड़फोड़ के दौरान मंदिर को नुकसान न पहुंचे।