Edited By Prachi Sharma,Updated: 31 Dec, 2024 08:57 AM

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 राशियां होती हैं जिन्हें मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन के नाम से जाना जाता है। विभिन्न राशियों में सूर्य के प्रवेश को ही संक्रांति की संज्ञा दी गई है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Sankranti Calendar 2025: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 राशियां होती हैं जिन्हें मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन के नाम से जाना जाता है। विभिन्न राशियों में सूर्य के प्रवेश को ही संक्रांति की संज्ञा दी गई है। सूर्य बारी-बारी से इन 12 राशियों से हो कर गुजरते हैं। वैसे तो सूर्य का इन सभी राशियों से होकर गुजरना शुभ माना जाता है। लेकिन इनमें से मकर संक्रांति सबसे महत्वपूर्ण है। इस दिन खास तौर पर सूर्य देव की पूजा की जाती है। तो चलिए जानते हैं 2025 में किन-किन दिनों में संक्रांति मनाई जाएगी।
मंगलवार |
14 जनवरी |
मकर संक्रांति |
बुधवार |
12 फरवरी |
कुम्भ संक्रांति |
शुक्रवार |
14 मार्च |
मीन संक्रांति |
सोमवार |
14 अप्रैल |
मेष संक्रांति |
गुरूवार |
15 मई |
वृष संक्रांति |
रविवार |
15 जून |
मिथुन संक्रांति |
बुधवार |
16 जुलाई |
कर्क संक्रांति |
रविवार |
17 अगस्त |
सिंह संक्रांति |
बुधवार |
17 सितम्बर |
कन्या संक्रांति |
शुक्रवार |
17 अक्तूबर |
तुला संक्रांति |
रविवार |
16 नवम्बर |
वृश्चिक संक्रांति |
मंगलवार, |
16 दिसम्बर |
धनु संक्रांति |

Importance of Sankranti संक्रांति का महत्व
संक्रांति का महत्व हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति में अत्यधिक है क्योंकि यह सूर्य के राशि परिवर्तन को दर्शाती है। जो न केवल खगोलीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहलुओं में भी गहरा प्रभाव डालती है।जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है उसे संक्रांति कहा जाता है। संक्रांति के दिन किए गए अच्छे कार्यों का फल अधिक मिलता है। विशेष रूप से दान करने, उपवासी रहने और पूजा करने का महत्व है। मकर संक्रांति में तिल, गुड़ और वस्त्र दान का विशेष महत्व है। यह माना जाता है कि इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि का वास होता है।
