Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Nov, 2024 09:15 AM
Story of Sant Eknath Maharaj: पैठण की एक वेश्या ने संत एकनाथ के प्रवचन, कथा और संकीर्तन की बड़ी तारीफ सुनी थी। एक दिन वह उनके प्रवचन में जा पहुंची।
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Story of Sant Eknath Maharaj: पैठण की एक वेश्या ने संत एकनाथ के प्रवचन, कथा और संकीर्तन की बड़ी तारीफ सुनी थी। एक दिन वह उनके प्रवचन में जा पहुंची। उसने एकनाथ जी के मुख से भागवत में वर्णित पिंगला नामक वेश्या का आख्यान सुना जिसमें प्रभु कृपा से वह वैराग्य को प्राप्त हो गई थी। वह बारंबार अपने जीवन के संबंध में विचारने लगी कि मैंने तो कभी भगवत चिंतन किया नहीं। मेरी गति क्या होगी?
एक दिन उसने देखा कि नदी में स्नान कर संत श्रेष्ठ सामने से आ रहे हैं। वह हिम्मत करके बाहर आई और उनसे बोली, ‘‘महाराज! क्या आप इस पापिनी के घर को अपनी चरण रज से पवित्र कर सकते हैं?’’
एकनाथ जी ने कहा, ‘‘इसमें क्या कठिनाई है?’’
वह घर के भीतर गए और वेश्या को वहीं ‘राम कृष्ण हरि’ का मंत्र दिया। उस दिन से उसके जीवन की गति ही बदल गई। जीवन भर वह भगवन्नाम और पुण्य परमार्थ में लगी रही।