Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Apr, 2023 08:29 AM
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फिर कबीर उस विद्वान को लेकर एक वृद्ध साधु के घर गए और आवाज दी, ‘‘मेहरबानी कर नीचे आ जाइए, मुझे आपके दर्शन करने हैं।’’
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Sant Kabir Das story: दोपहर के समय एक विद्वान संत कबीर के पास आया और बोला, ‘‘महाराज, मैं गृहस्थ बनूं या संन्यासी?
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कबीर ने सवाल का जवाब दिए बिना अपनी पत्नी से कहा, ‘‘दीपक जलाकर ले आओ।
फिर कबीर उस विद्वान को लेकर एक वृद्ध साधु के घर गए और आवाज दी, ‘‘मेहरबानी कर नीचे आ जाइए, मुझे आपके दर्शन करने हैं।’’
साधु ऊपर से नीचे उतर आए और दर्शन देकर चले गए। वह ऊपर पहुंचे ही थे कि कबीर ने फिर पुकारा, ‘‘एक काम है कृपया दोबारा आओ।
साधु नीचे आए, तब कबीर ने कहा, ‘‘कोई सवाल पूछना था लेकिन भूल गया।
![PunjabKesari Sant Kabir Das story](https://static.punjabkesari.in/multimedia/08_11_467373221sant_kabirdas-1.jpg)
साधु मुस्कुराते हुए बोले, ‘‘कोई बात नहीं, याद कर लीजिए।’’ यह कह कर वह फिर ऊपर चले गए। कबीर ने इस तरह कई बार उन्हें नीचे बुलाया और वह आए।
तब कबीर ने अपने साथ आए विद्वान से कहा, ‘‘अगर इन साधु जैसा क्षमा भाव रख सकते हो तो साधु बन जाओ और यदि मेरी पत्नी जैसी स्त्री मिल जाए, जो बिना तर्क किए कि दिन में दीए की क्या जरूरत है और तुम्हारे कहने पर दिन में भी दीया जलाकर ले आए तो गृहस्थ जीवन अच्छा है।
यह सुनकर विद्वान संतुष्ट हो गए।
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