Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Nov, 2022 08:51 AM
संत निरंकारी मिशन की प्रमुख सदगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने शुक्रवार को कहा कि परमात्मा के प्रति नि:स्वार्थ प्रेम ही सच्ची भक्ति कहलाती है। ऐसी ही निष्काम प्रेम की भावना संतों की होती है। मिशन के
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नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): संत निरंकारी मिशन की प्रमुख सदगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने शुक्रवार को कहा कि परमात्मा के प्रति नि:स्वार्थ प्रेम ही सच्ची भक्ति कहलाती है। ऐसी ही निष्काम प्रेम की भावना संतों की होती है। मिशन के सालाना निरंकारी समागम को संबोधित करते हुए माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि भक्त हर किसी को ईश्वर का ही रूप समझकर सभी से प्रेमपूर्वक व्यवहार करता है और उसका उसमें कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं होता।
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ऐसे भक्तों की भक्ति में फिर किसी प्रकार के डर का भाव नहीं रहता। प्रेम से किए गए हर कार्य का आधार केवल प्रेम ही होता है, जिसकी प्रेरणा प्रेम ही होती है। समर्पित भाव से की जाने वाली सेवा सदैव परोपकार के लिए ही होती है। सतगुरु माता ने कहा कि जिस प्रकार एक छोटे से बीज में घना छायादार वृक्ष बनने की क्षमता होती है, उसी प्रकार से हर मनुष्य परमात्मा की अंश होने के नाते परमात्मा स्वरूप बनने की क्षमता रखता है। बीज जब धरती से अंकुरित होकर प्रफुल्लित होता है, तब वह एक वृक्ष का रूप लेकर अपने सारे कार्य अच्छे से निभाता है। इसी प्रकार ब्रह्मज्ञान द्वारा मनुष्य जब परमात्मा के साथ इकमिक होकर उसके रंग में रंग जाता है, तब स्वत: ही वह मानवीय गुणों से युक्त होकर सच्चा मानव बन जाता है।