Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Oct, 2023 08:14 AM
संत तुकाराम ने जब अपना सब कुछ गरीबों में बांट दिया तो एक दिन घर में फाके की नौबत आ गई।
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Inspirational Story: संत तुकाराम ने जब अपना सब कुछ गरीबों में बांट दिया तो एक दिन घर में फाके की नौबत आ गई।
पत्नी बोली, “बैठे क्यों हो, खेत में गन्ने हैं, एक गठरी बांध लाओ। आज का दिन तो निकल जाएगा।”
तुकाराम खेत से एक गट्ठर गन्ने लेकर घर को चले तो रास्ते में मांगने वाले पीछे पड़ गए। तुकाराम एक-एक गन्ना सबको देते गए, जब घर गए तो केवल एक गन्ना बचा था जिसे देखकर भूखी पत्नी आग बबूला हो गई।
तुकाराम से गन्ना छीनकर वह उन्हें मारने लगी, जब गन्ना टूट गया तो उसका क्रोध शांत हुआ।
शांत तुकाराम मार खाकर भी हंसते हुए बोले, “गन्ने के दो टुकड़े हो गए हैं।
एक तुम चूस लो एक मैं चूस लूंगा।
क्रोध के प्रचंड दावानल के सामने क्षमा और प्रेम का अनंत समुद्र देखकर पत्नी की आंखों में आंसू आ गए। तुकाराम ने उसके आंसू पोंछे और सारा गन्ना छीलकर उन्हें खिला दिया।