Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Oct, 2024 03:00 PM
Saraswati Avahan 2024: 9 अक्टूबर दिन बुधवार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मां सरस्वती का आवाहन होगा। पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 10:25 पर आरंभ होगा और समापन शाम 04:42 पर होगा।
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Saraswati Avahan 2024: शारदीय नवरात्रि हर वर्ष आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होते हैं। यह त्योहार देवी दुर्गा की नौ रूपों की पूजा का प्रतीक है। इस दौरान मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मां सरस्वती, ज्ञान, संगीत, कला और संस्कृति की देवी हैं इसलिए नवरात्र के अवसर पर उनकी पूजा का विशेष महत्व रहता है। शारदीय नवरात्रि के दौरान देवी सरस्वती की पूजा की जाती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। सरस्वती आवाहन 9 अक्टूबर, दिन बुधवार को मनाया जाएगा। नवरात्रि पूजा में सरस्वती पूजा का पहला दिन सरस्वती आह्वान के रूप में मनाए जाने का विधान है। सरस्वती आह्वान हिंदू चंद्र मास अश्विन के शुक्ल पक्ष की महासप्तमी के दिन मनाया जाता है।
Saraswati Avahan shubh muhurat 2024: सरस्वती आवाहन शुभ मुहूर्त
9 अक्टूबर दिन बुधवार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मां सरस्वती का आवाहन होगा। पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 10:25 पर आरंभ होगा और समापन शाम 04:42 पर होगा।
सरस्वती आह्वान: 9 अक्टूबर 2024
सरस्वती पूजा: 10 अक्टूबर 2024
सरस्वती बलिदान: 11 अक्टूबर 2024
सरस्वती विसर्जन: 12 अक्टूबर 2024
आयुध पूजा: 12 अक्टूबर 2024
Method of worship of Goddess Saraswati during Sharadiya Navratri शारदीय नवरात्रि में मां सरस्वती की पूजा विधि: मां सरस्वती की पूजा करने के लिए इस विधि का पालन करें-
पूजा का स्थान तैयार करना: पूजा के लिए एक स्वच्छ और शांत स्थान चुनें। वहां एक साफ पीला या सफेद कपड़ा बिछाएं।
मूर्ति स्थापना: मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र को वहां स्थापित करें। उन्हें पीला, सफेद या सुनहरा वस्त्र पहनाएं।
आभूषण और पुस्तकें: उनके पास कुछ पुस्तकें, एक वीणा और मोती रख कर पूजा को सम्पन्न करें। यह ज्ञान और संगीत के प्रतीक हैं।
दीपक और फूल: पूजा स्थान पर दीपक जलाएं और ताजे फूल मां सरस्वती को अर्पित करें।
नैवेद्य: मां सरस्वती को दूध, दही, चावल, फल और मिठाई अर्पित करें।