Edited By Prachi Sharma,Updated: 22 Sep, 2024 06:40 AM
सर्व पितृ अमावस्या एक विशेष दिन है जिसे हिंदू धर्म में पितृों की तर्पण करने का समय माना जाता है। यह दिन खासकर अपने पूर्वजों को याद करने और उन्हें सम्मान देने का अवसर
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Sarva Pitru Amavasya: सर्व पितृ अमावस्या एक विशेष दिन है जिसे हिंदू धर्म में पितृों की तर्पण करने का समय माना जाता है। यह दिन खासकर अपने पूर्वजों को याद करने और उन्हें सम्मान देने का अवसर होता है। पंचांग के हिसाब से अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाती है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों के लिए तर्पण करते हैं। यह श्राद्ध का मुख्य दिन होता है, जहां परिवार के सदस्य एकत्र होकर अपने पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करते हैं। यदि किसी व्यक्ति के जीवन में लगातार समस्याएं आ रही हैं, तो उसे पितृदोष का सामना करना पड़ सकता है। इस दिन पितृ तर्पण करने से पितृदोष का प्रभाव कम किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं 2024 में कब है सर्व पितृ अमावस्या।
When is Sarva Pitru Amavasya सर्व पितृ अमावस्या कब है-
पंचांग के मुताबिक अश्विन माह के कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि की शुरुआत 1 अक्टूबर को होगी और 2 अक्टूबर बुधवार को देर रात 12 बजकर 18 मिनट तक इसका समापन होगा। इसके मुताबिक 2 अक्टूबर को ये व्रत रखा जाएगा।
Sarva Pitru Amavasya सर्व पितृ अमावस्या के दिन बन रहे शुभ योग-
2 अक्टूबर के दिन तीन शुभ योगों का निर्माण होने जा रहा है। पहला योग सर्वार्थ सिद्धि योग और दूसरा इन्द्र योग। सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन सुबह 6 बजे इसका समापन होगा। वहीं दूसरी तरफ इंद्र योग पूरे दिन रहेगा।
सर्व पितृ अमावस्या शुभ मुहूर्त-
लाभ-उन्नति मुहूर्त - सुबह 06:15 से सुबह 07:44 तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त - सुबह 07:44 से सुबह 09:12 तक
शुभ-उत्तम मुहूर्त - 10:41 सुबह से दोपहर 12:10 तक
चर-सामान्य मुहूर्त - दोपहर 3:08 से शाम 04:37 तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त - शाम 4:37 से शाम 06:06 तक
सर्व पितृ अमावस्या का महत्व
पितरों की आत्मा की शांति के लिए ये दिन बेहद खास होता है। जिन पितरों के मृत्यु की तिथि पता नहीं होती है, उन सभी पितरों का श्राद्ध इस दिन किया जाता है। इस दिन विधि-विधान के साथ अपने पूर्वजों का श्राद्ध किया जाए तो जीवन से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं।