Edited By Jyoti,Updated: 25 Sep, 2022 09:52 AM
हिंदू धर्म में माता-पिता को भगवान का दर्जा दिया गया है। इसमें कहा गया है कि प्रत्येक संतान को अपने माता-पिता की सेवा पूरे लग्न और श्रद्धाभाव से करनी चाहिए। कहा जाता है अपने माता पिता के लिए ये समर्पण न केवल उनके जीते
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हिंदू धर्म में माता-पिता को भगवान का दर्जा दिया गया है। इसमें कहा गया है कि प्रत्येक संतान को अपने माता-पिता की सेवा पूरे लग्न और श्रद्धाभाव से करनी चाहिए। कहा जाता है अपने माता पिता के लिए ये समर्पण न केवल उनके जीते जी होना चाहिए। बल्कि उनकी मृत्यु के बाद भी उनका सम्मान करना छोड़ना नहीं चाहिए। लेकिन इस वाक्य पर विचार करने वाले बहुत से लोग सोचते हैं कि कि मृत्यु के बाद अपने मन के सेवा भाव उन तक कैसे पहुंचा सकते हैं?
तो आपको बता दें हिंदू धर्म में इसका भी हल बताया गया है। हिंदू धर्म के ग्रंथों के अनुसार मृत्यु के बाद अपने परिजनों के प्रति अपनी श्रद्धा व स्नेह उनका विधि वत रूप से श्राद्ध करके की जाती है। हमारी वेबसाइट तो रोज़ाना फॉलो करने वाले व हिंदू धर्म से संबंधित लोग जानते ही होंगे कि 2022 वर्ष का पितृ पक्ष अपने समापन की और बढ़ रहा है। 25 सितंबर दिन रविवार को इस वर्ष की सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाएगी, जिसके साथ ही पितृ पक्ष समाप्त हो जाएगा। यूं तो वर्ष में आने वाली हर अमावस्या तिथि का बेहद महत्व माना जाता है। परंतु आश्विन मास की सर्वपितृ अमावस्या को सबसे खास मानी जाता है।
शास्त्रों में वर्णित है कि सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितर धरती से देवलोक वापस जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पिंडदान व श्राद्ध आदि के कार्य के अतिरिक्त अगर जनमानस के हित के लिए किसी भी प्रकार के कार्य किए जाते हैं, तो उससे भी पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है तथा सभी समस्याएं भी दूर होती हैं। तो आज हम आपको ऐसे ही 4 काम बताने जा रहे हैं जो सर्व पितृ अमावस्या के दिन करने से घर में खुशहाली आ सकती है।
इस जगह कराएं ब्राह्मणों को भोज
ब्राह्मणों को घर में आमंत्रित कर भोजन करवाएं। साथ ही दक्षिणा एवं वस्त्र देकर उनका आशी्र्वाद लें और उन्हें विदा करें। इसके अलावा अश्विन मास की अमावस्या के दिन पूर्वजों के नाम का भोजन निकालें और उसे घर की छत पर रख दें।
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दान करने से होती है पुण्य की प्राप्ति
सर्व पितृ अमावस्या पर दान को शुभ मना जाता है। पुण्य प्राप्ति के लिए इस दिन दान करना बेहद फलदायक माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चांदी का दान सबसे उत्तम माना जाता है। इससे पितृ तृप्त व प्रसन्न होते हैं।
तर्पण करना
पितृपक्ष के दौरान अगर आप पितरों को तर्पण नहीं कर पाए तो सर्व पितृ अमावस्या के दिन तर्पण कर सकते हैं। शास्त्र के अनुसार, इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
पीपल के पेड़ की पूजा
कहा जाता है सर्व पितृ अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए। इससे पितृ प्रसन्न होकर जीवन की सभी बाधाएं खत्म कर देते हैं।