Edited By Sarita Thapa,Updated: 14 Apr, 2025 02:58 PM
Satrun Transit 2025: मेष राशि के जातकों को थोड़ा सा टफ टाइम आने वाला है। इन राशि के जातकों के लिए टफ टाइम तो डेफिनेटली आने वाला है क्योंकि शनि का जो मूवमेंट होने जा रहा है अगले साल उससे मेष राशि के जातकों को परेशानी हो सकती है।
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Satrun Transit 2025: मेष राशि के जातकों को थोड़ा सा टफ टाइम आने वाला है। इन राशि के जातकों के लिए टफ टाइम तो डेफिनेटली आने वाला है क्योंकि शनि का जो मूवमेंट होने जा रहा है अगले साल उससे मेष राशि के जातकों को परेशानी हो सकती है। परेशानी इसलिए क्योंकि शनि जो है वो 12वें भाव में आ जाएंगे। मेष राशि के ऊपर साढ़ेसाती शुरू होने जा रही है। 29 मार्च 2025 को जो है। वह मेष राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही चूंकि राहु का गोचर मेष राशि के जातकों के लिए अभी 12वें भाव में हो रहा है। 29 मार्च से लेकर 29 मई तक 12वें भाव के ऊपर से शनि का गोचर होगा। यह दो महीने तो पर्टिकुलर टाइम है, जो मेष राशि के जातकों के लिए बहुत अच्छा नहीं है। कारण 12वां भाव जो है। वह खर्चे का भाव होता है। 12वां हॉस्पिटलाइजेशन का भाव होता है। 12वां मोक्ष का भाव होता है और यहां पर दो-दो पाप ग्रहों का साथ आना अच्छा नहीं है।
हालांकि 29 मई को राहु जो है, वो 11वें भाव में आ जाएंगे। वह आपके लिए अच्छे हो जाएंगे। मेष राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर काफी राहत भरी बात हो जाएगी। लेकिन शनि की साढ़ेसाती ही प्रॉब्लम नहीं है। शनि का जो पाया आ रहा है मेष राशि के जातकों के लिए वह भी लोहे का पाया आ रहा है। यहां पर समस्या यह है कि शनि के मेष राशि के जो जातक हैं, वो साढ़ेसाती से पहले भी परेशान थे। इसका कारण यह है कि जो शनि है वह मेष राशि के जातकों के लिए हालांकि 11वें भाव में तो गोचर कर रहे हैं। लेकिन वह लोहे के पाए में गोचर कर रहे हैं। लोहे के पाए में गोचर करना अच्छा नहीं होता। जब 12वें भाव में आ रहे हैं तब भी कुंडली बन रही है। शनि के जो राशि प्रवेश की कुंडली बन रही है। यह कुंडली आपके सामने है। यहां पर भी चंद्रमा जो है, वो मेष राशि से 12वें भाव में आ जाएंगे। जब चंद्रमा 12वें भाव में आ जाते हैं किसी राशि के तो वो लोहे का पाया होता है। यह बनती है शनि के राशि प्रवेश की कुंडली।
अब जो शनि के राशि प्रवेश की कुंडली है यहां पर मेष राशि के जातकों के लिए साढ़ेसाती का पहला फेस भी है। इसके साथ-साथ जो पाया है वह भी लोहे का है। तो यहां पर क्या परेशानी हो सकती है। इसके बारे में विस्तार में जानेंगे क्योंकि शनि यहां पर मेष राशि के जातकों के लिए अच्छे ग्रह नहीं है। मेष राशि है वह मंगल की मूल त्रिकोण राशि है और मंगल की मूल त्रिकोण राशि के लिए शनि अच्छा फल नहीं करते है। क्योंकि मंगल और शनि में आपस में मित्र भाव नहीं है। शनि यहां पर 11वें भाव के स्वामी हो जाते हैं जो अच्छा भाव नहीं होता। हालांकि 11वां भाव आय का भाव है, वृद्धि का भाव है। लेकिन इसके बावजूद शास्त्रों में तीसरे, छठे और 11वां भाव को अच्छा भाव नहीं कहा गया क्योंकि यह छठे से छठा होता है इसलिए अच्छा नहीं होता. लिहाजा शनि यहां पर अच्छा फल नहीं करते। मेष राशि के जातकों को जब भी शनि की महादशा शनि की अंतर्दशा या प्रत्यंतर दशा आती है, तो भी उनका फल जो है वह बहुत ज्यादा अच्छा नहीं होता। इसलिए यहां पर शनि का जो गोचर होने जा रहा है। वह 29 मार्च 2025 को वो मेष राशि के जातकों के लिए अच्छा नहीं होने वाला है। लोहे के पाए में रहना अच्छा नहीं है। पहली जो ढैया है साढ़ेसाती की वह अच्छी नहीं है। यहां पर आपके लिए क्या समस्या हो सकती है।
शनि जब 12वें भाव में बैठेंगे और तीसरी दृष्टि से आपके धन भाव को देखेंगे। यह आपकी वाणी का भी भाव है। आपके कुटुंब का भी भाव है। यदि आप मैरिड हैं, तो आपकी मैरिड लाइफ में डिस्टरबेंस आ सकती है। कुटुंब लाइफ में आपकी समस्या आ सकती है। पारिवारिक माहौल थोड़ा सा आपका डिस्टर्ब हो सकता है। शनि धन की यहां पर हानि करवा सकते हैं। शनि की यहां पर अच्छी स्थिति नहीं है। गोचर के दौरान शनि का धन भाव को देखना धन की हानि करवाने वाला हो सकता है। यहां पर शनि छठे भाव को देख रहे हैं। तीसरी सीधी दृष्टि जो सप्तम है। वह आपके छठे भाव के ऊपर जा रही है। छठा भाव रोग, ऋण और शत्रु का भाव होता है। इस भाव के कारक भी मंगल होते हैं। यहां पर शनि जब 12वें भाव में बैठते हैं, जो हॉस्पिटलाइजेशन, खर्चे का भाव है। वहां से जब दृष्टि देते हैं छठे भाव को जो कर्ज का भाव है। ऐसी स्थिति में कर्ज की समस्या बढ़ जाती है। कोशिश करिए कि अपने फंड्स को अपने फाइनेंससेस को इस तरीके से मैनेज किया जाए तांकि आपको किसी भी स्थिति में डेप्ट न लेना पड़े और कर्ज न लेना पड़े। शनि की स्थिति में यदि कर्ज चढ़ेगा, तो यह लंबा चला जाएगा। फिर आपको उसको उतारने में बहुत परेशानी होगी। किसी भी विवाद में पड़ने से बचें क्योंकि छठा भाव आपको बिना किसी बात के विवाद में फंसाने वाला है। जब यहां पर शनि की दृष्टि है, तो होता कई बार आपने कोई काम किया नहीं होता, गड़बड़ की नहीं होती लेकिन आपकी वो भाव पाप प्रभाव में है। इसलिए यहां पर आपके सामने जो है, वो लिटिगेशन की समस्या खड़ी होती है। आप बिना वजह ही किसी न किसी जो है, वो विवाद में फंस जाते हैं। तो कोशिश करिए यहां पर तोलमोल के बोलें। किसी की गारंटी न लें। किसी के खिलाफ या किसी के साथ विवाद न करें। यहां पर कर्ज की स्थिति आ सकती है। यदि आपको कोई फिजिकल समस्या होती है, तो कोशिश करिए कि उसको लाइटली न लिया जाए। यदि लाइटली लेते हैं, तो वह स्थिति जो समस्या है वह लंबी आपकी खींच सकती है।
शनि जब 12वें भाव में बैठते हैं, तो दशम दृष्टि से आपके भाग्य स्थान के ऊपर देखते हैं। शनि की ढैया की जो तीन फेस होते हैं, वो अपनी ढैया के दौरान सिर्फ पांचवा भाव जो आपके पास्ट लाइफ का भाव होता है। उसको छोड़कर शनि किसी भी भाव को नहीं छोड़ते। साढ़ेसाती के दौरान पूरे के पूरा 11 भावों के ऊपर शनि का प्रभाव रहता है। साढ़ेसाती शुरू हो रही है। शनि यहां पर नाइंथ हाउस को देखेंगे। यह आपके भाग्य का स्थान होता है। यह आपके आध्यात्म का स्थान होता है। यह आपके जो लक हाउस है, इसको रिलीजन भाव भी बोलते हैं। धर्म की जो प्रवृत्ति आती है लाइफ में वो नाइंथ भाव से ही आती है। यहां पर नाइंथ हाउस में शनि की दृष्टि का मतलब है। कोई भी आप काम करेंगे। उसमें व्यवधान आ सकता है। इसके लिए भी आपको थोड़ा सा पेशेंस रखना पड़ेगा। आपने कोई काम शुरू किया है और लगातार उस काम को पूरा करने की कोशिस कर रहे हैं। हो सकता है कि उस काम को पूरा होने में थोड़ा समय लग जाएं क्योंकि शनि डिले के कारक हैं। शनि सबसे मंदगामी ग्रह हैं। ढाई साल एक ही राशि में रहते हैं। यहां पर शनि हर चीज को डिले कर सकते हैं। यह स्थिति आपके लिए अच्छी रही है। मेष राशि के जातकों के लिए पेशेंस रखने का समय है। चूंकि यह फायरी साइन है। इसलिए शनि वैसे भी यहां पर आकर अच्छा फल नहीं करते। मंगल की राशि है, फायरी साइन है और 1, 5, 9 यह तीन राशियां हैं। जहां पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव नेगेटिव होता है। यहां पर पहली ढैया के दौरान आपको बहुत पेशेंस रखना पड़ेगा। शनि की रेमेडीज जरूरी करें।
नरेश कुमार
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