Edited By Sarita Thapa,Updated: 15 Apr, 2025 03:27 PM
Satrun Transit 2025: शनि देव का गोचर 29 मार्च 2025 को मीन राशि में हो चुका है। जब यह मीन राशि में गोचर करेंगे तो यह कन्या राशि के लिए तांबे के पाए में चले जाएंगे।जब कुंडली बनती है या शनि के ट्रांजिट की तो उस समय स्थिति होती है।
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Satrun Transit 2025: शनि देव का गोचर 29 मार्च 2025 को मीन राशि में हो चुका है। जब यह मीन राशि में गोचर करेंगे तो यह कन्या राशि के लिए तांबे के पाए में चले जाएंगे।जब कुंडली बनती है या शनि के ट्रांजिट की तो उस समय स्थिति होती है। चार तरह के उसके फल मिलते हैं। एक शनि लोहे के पाए में जाते हैं। जिसका फल अच्छा नहीं समझा जाता। तांबे के पाए में जब जाते हैं तो बहुत अच्छा फल समझा जाता है। सोने के पाए में भी जाते हैं तो फल बहुत ज्यादा अच्छा नहीं होता। रजत पाए, चांदी के पाए और तांबे के पाए में जाते हैं तो फल अच्छा होता है। सोने के पाए का फल मिश्रित होता है। कन्या राशि सबसे पहले तो बुध की राशि है और बुध शनि के मित्र हैं। यह तो एक पॉजिटिव पॉइंट है। जब-जब बुध की जो राशि है उसके लिए शनि की जब महादशा आती है या शनि का कोई भी पीरियड आता है, तो उसके लिए फल अच्छे मिलते हैं क्योंकि यह दोनों आपस में मित्र भाव रखते हैं। कन्या राशि के जातकों के लिए बुध की यह राशि है यदि हम शनि देखेंगे तो पंचम स्थान के स्वामी हो जाएंगे। मकर राशि आएगी वह पंचम भाव में आएगी। पंचमेश अच्छा होता है। किसी भी कुंडली में पंचम भाव का स्वामी अच्छे ही फल करता है। शनि कन्या राशि के जातकों के लिए वैसे भी अच्छे फल करते हैं। शनि जब गोचर करते हैं, तो उसके लिए तीन तरह से इसका फल निकाला जाता है। सबसे पहला यह होता है कि चंद्रमा के ऊपर से तो नहीं शनि का गोचर हो रहा। चंद्रमा से 12वें भाव में या दूसरे भाव में तो गोचर नहीं हो रहा। ऐसी स्थिति को साढ़ेसाती कहा जाता है।
शनि का गोचर यदि आपके चंद्रमा से चौथे भाव में आ जाए या अष्टम में आ जाए। इसको शनि की ढैया बोलते हैं और एक और तरीका होता है शनि की फल को जाननें का। यह जो चार्ट है इसे अष्टक वर्ग चार्ट बोलते हैं। जैसे शनि यहां पर 12 राशि में गोचर करेंगे। जहां पर 12 राशि में चार से ज्यादा मार्क्स आ जाए। आपके लग्न कुंडली में पड़े हुए शनि का गोचर है। एक तो शनि की साढ़ेसाती और ढई से तय होता है। दूसरा यह अष्टक वर्ग चार्ट इंडिविजुअल चार्ट तय करता है। तीसरा यह पाया जो है यदि जब शनि की जो चार्ट बनता है या ट्रांजिट का चार्ट बनता है।
जैसे 29 मार्च 2025 को बना था। यह आपके सामने चार्ट नजर आ रहा है यदि यहां पर तीसरे, सातवें और 10वें भाव में शनि आ जाए। किसी भी राशि के तो उसके लिए वह तांबे के पाए का काम करेगा। यहां पर कन्या राशि के जातकों के लिए शनि सप्तम भाव में गोचर करेंगे। कन्या राशि के लिए शनि का गोचर अब भी अच्छा हो रहा है क्योंकि शनि छठे भाव में गोचर कर रहे हैं। लेकिन आगे भी अच्छा होगा क्योंकि शनि यहां पर जब बैठेंगे तो आगे फिर जाकर 2028 में ही गोचर करेंगे। 29 मार्च 2025 को गोचर हो चुका है। यह 23 फरवरी 2028 को जाके अगला गोचर होगा। यह 1061 दिन का यह समय है। जब शनि का गोचर होगा। लेकिन इस बीच भी 2027 में शनि वक्री होकर वापस आएंगे। कुंभ राशि में आएंगे यह 3 जून से लेकर 20 अक्टूबर का पीरियड होगा। यह लगभग 140 दिन का पीरियड है। जब शनि आपके लिए थोड़ा सा अच्छे नहीमं होंगे। हालांकि छठे जाएंगे तो भी अच्छे होंगे। लेकिन तांबे के पाए में नहीं होंगे तो कुल मिलाकर 921 दिन का एक ऐसा समय बनता है। जब कन्या राशि के जातकों के लिए शनि जो है वह तांबे के पाए में रहेंगे। शनि आपके लिए डेफिनेटली तांबे के पाए में अच्छा फल करेंगे।शनि आपके लिए पंचमेश हैं। पंचमेश हमेशा अच्छा फल करते हैं। जिस भाव में बैठेंगे उस भाव से संबंधित फल को मजबूत कर देते हैं। शनि आपकी कुंडली में शनि पंचम, छठे भाव के भी लोड हैं। जब शनि तांबे के पाए में आते हैं, तो सामान्य तौर पर आपको वृद्धि देते हैं। आपको सामाजिक प्रतिष्ठा देते हैं। आपको अच्छी सेहत देते हैं। आपका जो काम आपने किया हुआ है। उसका फल हमें उस समय नहीं मिलता। लेकिन जैसे ही शनि फेवरेबल पोजीशन में आते हैं। जैसे अभी तांबे के पाए में आ गए हैं। तांबे के पाए में आने के बाद आपने जो काम किया है 2 ढाई साल या 3 साल जो काम किया है। उसका रिजल्ट मिलेगा।
कन्या राशि के जातकों के लिए तांबे के पाए में आएंगे, तो डेफिनेटली पहले तो सेवंथ हाउस से संबंधित फल अच्छे करेंगे। यदि आप कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं या आप पार्टनरशिप में करना चाहते हैं, तो डेफिनेटली वहां पर शनि आपका वह हाउस एक्टिव करेंगे। यदि लाइफ पार्टनर ढूंढ रहे हैं क्योंकि सप्तम से लाइफ पार्टनर का भी विचार किया जाता है। वहां पर भी कन्या राशि के जातकों के लिए शनि आकर एक्टिव करेंगे। उस भाव को शनि की एक ही मजबूती होती है। जिस भाव में बैठते हैं। उस भाव को मजबूत कर देते हैं, तो यहां पर यह जो सप्तम भाव होता है। यह दशम का भी दशम होता है यानी कि कर्म स्थान आपका कारोबार होता है। उसका भी दशम होता है। यहां से दशम का भी विचार किया जाता है। शनि आपकी कुंडली में पंचम स्थान के स्वामी हैं। पंचम कुंडली का दूसरा सबसे शुभ भाव होता है क्योंकि यह त्रिकोण का भाव होता है। पंचम से विचार किया जाता है। बुद्धि विवेक का विचार पंचम से किया जाता है। पंचम से संतान का विचार किया जाता है। पंचम से इजी गेंस देखे जाते हैं। पंचम से रिलेशनशिप जो बिफोर मैरिज रिलेशनशिप होता है वह पंचम से देखा जाता है। ये चार फैक्टर और हायर स्टडीज जो है, वो पंचम से देखी जाती हैं। इन पांचों फैक्टर से संबंधित पांचों आस्पेक्ट्स ऑफ द लाइफ जो हैं उससे संबंधित जो फल आएंगे वह डेफिनेटली अच्छे आएंगे। क्योंकि शनि जो है वह तांबे के पाए में आकर बहुत अच्छा फल करेंगे। कन्या राशि के जातकों के लिए यानी कि कोई भी आप काम करेंगे। उसमें बुद्धि विवेक का पूरा इस्तेमाल करेंगे।
ऐसा नहीं होगा कि कोई चीज दिमाग में आई है उसको इमीडिएटली एग्जीक्यूट कर दिया। आप उस पर विचार करेंगे। उसका नफा नुकसान जांचेंगे। उसके बाद उसके ऊपर फैसला करेंगे। यानी कि बुद्धि विवेक के साथ काम करेंगे। संतान नहीं है तो संतान आ सकती है। संतान पक्ष से अच्छी खबर आ सकती है। कुछ स्टूडेंट्स कन्या राशि के जो आगे हायर स्टडीज में जाना चाहते हैं। उनके लिए वह ढ़ाई साल का समय अच्छा रहेगा। इस राशि के छात्रों को फेवरेट कॉलेज में एडमिशन मिल सकता है। ये पंच पांचवें भाव से संबंधित जितने भी सिग्निफिकेंस है। वहां पर आपको थोड़ी सी उसका फायदा होगा। शनि आपके लिए छठे भाव के भी स्वामी बनते हैं, तो छठे भाव से संबंधित जो फल होते हैं। कन्या राशि के जातकों के लिए कर्ज की स्थिति में थोड़ी सी राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। कोर्ट का केस चल रहा है। वहां पर आपको राहत मिल सकती है। यह बीमारी का भी भाव होता है। यहां से हम ऐसी बीमारी का विचार करते हैं। जिसका ट्रीटमेंट संभव होता है। बहुत सारी चीजें जो है वह लाइफ में आपको लाइफ से आउट होती हुई नजर आएंगी क्योंकि दशम एक्टिव होगा। दशम का दशम एक्टिव होगा।
वह कारोबार बढ़ाएगा कारोबार से निश्चित तौर पर धन भी आपका बढ़ता हुआ नजर आएगा। यह कन्या राशि के जातकों के लिए यह जो शनि का तांबे के पाए में जाना 921 दिन के लिए यह समय अच्छा है। आपको इस समय का निश्चित तौर पर अच्छा इस्तेमाल करना चाहिए। यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर है क्योंकि शनि कन्या राशि के जातकों के लिए पंचम के भी स्वामी हैं। सूर्य के साथ अस्त हैं। आठवें भाव में पड़े हैं। 12वें भाव में पड़े हैं। शनि छठे भाव में अच्छा फल करते हैं। आठवें भाव में पड़े हैं 12वें भाव में पड़े हैं, तो आपको शनि से जुड़े उपाय जरूर करनी चाहिए।
उपाय- अगर शनि की स्थिति कमजोर है और शनि आठवें 12वें में नहीं है। आप नीलम धारण कर सकते हैं। यदि शनि आठवें 12वें छठे में पड़े हैं, तो शनि का नीलम धारण न करें। यह नुकसान कर सकता है ओम शन शनिश्चरय नमः का जप कर सकते हैं। यह बहुत ईजी है आप 23,000 मंत्र जो है वह संकल्प लेकर करिए आप अपना नाम अपना गोत्र और अपना जो है वो जन्म नक्षत्र बोलकर इसका संकल्प ले कर करें। हो सके तो शनिवार की शाम को यह काम करें। शनिवार के दिन ही काली दाल या उड़त की दाल का दान करें। यदि आपके ऊपर शनि की ढैया या साढ़ेसाती चल रही है, तो शनि शिला के ऊपर सरसों का तेल अर्पित करें।इसके अलावा शनि मासेस के कारक होते हैं। यदि आप ऑफिस में सीनियर हैं या कोई फैक्ट्री चला रहे हैं तो उनके साथ अच्छे से पेश आना शनि की सबसे अच्छा उपाय होता है।
नरेश कुमार
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