Saturn Transit 2025: 921 दिन के लिए सोने के पाए में शनि, मीन राशि वालों की बदलेगी किस्मत

Edited By Prachi Sharma,Updated: 11 Oct, 2024 09:13 AM

saturn transit 2025

अगले साल 29 मार्च 2025 को शनिदेव गोचर करेंगे मीन राशि में। मीन राशि में शनिदेव का गोचर रहेगा 23 फरवरी 2028 तक। ये लगभग 1061 दिन का पीरियड है जब शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे।

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Saturn Transit 2025: अगले साल 29 मार्च 2025 को शनिदेव गोचर करेंगे मीन राशि में। मीन राशि में शनिदेव का गोचर रहेगा 23 फरवरी 2028 तक। ये लगभग 1061 दिन का पीरियड है जब शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे। इसी बीच 2027 में एक ऐसा समय आएगा जब शनिदेव वक्री अवस्था में चलते हुए। 3 जून 2027 को दोबारा कुंभ राशि में आ जाएंगे 20 अक्टूबर 2027 तक यहीं पर रहेंगे। फिर मार्गी होने के बाद आगे चलेंगे और लगभग यह 921 दिन का समय है। जब मीन राशि में ही शनिदेव गोचर करेंगे तो इस गोचर के दौरान शनिदेव के क्या फल मिलेंगे। आज बात करेंगे मेष राशि के जातकों के लिए शनिदेव क्या फल प्रदान करेंगे-

शनि की साढ़े साती का ज्यादा प्रभाव मीन राशि पर इसलिए नहीं होता क्योंकि यह जल तत्व की राशि है। जल तत्व की राशि को शनि का ज्यादा नुकसान नहीं होता क्योंकि यहां पर शनि आकर ठंडे हो जाते हैं लेकिन इसके बावजूद शनि की दृष्टियां अपना प्रभाव जरूर रखती हैं। शनिदेव आपकी राशि के ऊपर से ही गोचर करेंगे। इसके साथ राहु का गोचर ऑलरेडी यहां पर हो रहा है। दो महीने खास तौर पर ध्यान रखिए 29 मार्च से लेकर 29 मई तक क्योंकि राहु यहां पर रहेंगे और शनि इसके ऊपर आ जाएंगे। शनि मीन राशि के जातकों के लिए 12वें भाव के स्वामी होते हैं। 12वें भाव में शनि की मूल त्रिकोण राशि आती है। 11वें भाव के भी स्वामी शनि होते हैं लेकिन 12वें भाव के भी स्वामी हो जाते हैं। शनि अपनी मूल कोई भी ग्रह अपनी मूल त्रिकोण राशि का फल ज्यादा करता है। 

शनि की इस अवधि में खास तौर पर सतर्कता बरतने की जरूरत रहेगी। दो महीने तो खास तौर पर अलर्ट रहिए। इसके अलावा जब यहां पर शनि गोचर करेंगे तो आपके लिए तीसरी दृष्टि तीसरे भाव के ऊपर जाएगी। तीसरा भाव आपके पराक्रम का भाव होता है। यहां पर शनि की दृष्टि होने का मतलब यह है कि आपका कॉन्फिडेंस थोड़ा सा लो होता हुआ नजर आ सकता है।  शनिदेव दृष्टि से तीसरे भाव के फलों को डिस्टर्ब कर सकते हैं। यहां पर शनि की सप्तम दृष्टि आपके सप्तम भाव के ऊपर जाती है। सप्तम भाव आपकी कुंडली का पार्टनर का भाव होता है। लाइफ पार्टनर और बिजनेस पार्टनर सप्तम भाव से आते हैं। तो यहां पर लाइफ पार्टनर के साथ भी कंफ्लेक्स है। इसके अलावा लाइफ पार्टनर की हेल्थ को लेकर भी इशू हो सकता है। वहां से संबंधित कोई न कोई चिंता आपको परेशान कर सकती है। इस गोचर के दौरान इसके अलावा शनि की दृष्टि एक रहेगी दशम भाव के ऊपर। दशम भाव आपका कर्म स्थान होता है यानी कि कारोबार का स्थान है, आपकी नौकरी यहीं से आती है। दशम भाव के ऊपर शनि की दृष्टि आपका कारोबार प्रभावित कर सकती है। वहां पर रिजल्ट आपकी इच्छाओं के मुताबिक हो सकता है न आए। बीच-बीच में आपको कुछ न कुछ उसके अच्छे फल भी मिले लेकिन बहुत ज्यादा अच्छे फल आपको नहीं मिलेंगे। यहां पर कर्म स्थान से संबंधित फलआपको नेगेटिव मिल सकते हैं। इस अवधि के लिए आपको खुद को तैयार रखना पड़ेगा, थोड़ा सा एडवांस में प्लानिंग करेंगे। शनि 3 जून 2027 से लेकर 20 अक्टूबर 2027 तक वक्री अवस्था में चलते हुए कुंभ राशि में आ जाएंगे।शनि की दूसरी ढैया आपके ऊपर चलेगी। इस ढैया के दूसरे फेज में फिजिकल प्रॉब्लम कोई आती है तो डॉक्टर जो भी आपको सलाह दे रहे हैं उसको फॉलो करिए।

ओम शनि शनिश्चराय नमः का जाप करें।

कोई बिजनेस रन कर रहे हैं आपके पास बहुत सारे काम लोग काम करते होंगे। जो आपसे जूनियर है उनके साथ थोड़ा सा रिस्पेक्टफुली पेश आइए। उनको पॉजिटिव सरप्राइज देते रहिए उससे शनि के रिजल्ट आपको डेफिनेटली अच्छे मिलते हैं।

आपाहिज आश्रम में दान कर सकते हैं लेकिन शाम के समय अपना नाम लेकर अपना गोत्र लेकर उस दिन का नक्षत्र बोलकर वार बोलकर और जिस मकसद से आप दान कर रहे हैं उस मकसद को बोलकर वो दान करिए

काली उड़द की दाल का दान करें।

शनि शिला पर सरसों का तेल अर्पित करें। 

नरेश कुमार
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