Edited By Prachi Sharma,Updated: 10 Oct, 2024 09:49 AM
अगले साल 29 मार्च 2025 को शनिदेव गोचर करेंगे मीन राशि में। मीन राशि में शनिदेव का गोचर रहेगा 23 फरवरी 2028 तक।
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Saturn Transit: अगले साल 29 मार्च 2025 को शनिदेव गोचर करेंगे मीन राशि में। मीन राशि में शनिदेव का गोचर रहेगा 23 फरवरी 2028 तक। ये लगभग 1061 दिन का पीरियड है जब शनिदेव मीन राशि में गोचर करेंगे। इसी बीच 2027 में एक ऐसा समय आएगा जब शनिदेव वक्री अवस्था में चलते हुए। 3 जून 2027 को दोबारा कुंभ राशि में आ जाएंगे 20 अक्टूबर 2027 तक यहीं पर रहेंगे। फिर मार्गी होने के बाद आगे चलेंगे और लगभग यह 921 दिन का समय है। जब मीन राशि में ही शनिदेव गोचर करेंगे तो इस गोचर के दौरान शनिदेव के क्या फल मिलेंगे। आज बात करेंगे सिंह राशि के जातकों के लिए शनिदेव क्या फायदा लेकर आएँगे।
यहां पर शनि अष्टम भाव में गोचर करेंगे यानी कि सिंह राशि के जातकों पर शनि की ढैया शुरू होने जा रही है। ढैया तो शुरू होगी लेकिन ज्यादा समस्या की बात यह है कि शनि देव लोहे के पाए में रहेंगे। एक तो अष्टम में आ जाना शनि का और दूसरा लोहे के पाय में आ जाना यह सिंह राशि के जातकों के लिए अच्छा नहीं है। इसका एक कारण यह भी है कि सिंह राशि के जातकों के लिए शनि अच्छे फल नहीं करते। कारण यह है कि शनि सिंह राशि के जातकों के लिए मार्क भावों के स्वामी हो जाते हैं इसलिए शनि का फल अच्छा नहीं होता। शनि की मकर राशि सिंह राशि जातकों के लिए छठे भाव में आती है। शनि की कुंभ राशि सप्तम भाव में आ जाती है। शनि चूंकि दोनों खराब भावों के स्वामी हैं इसलिए सिंह राशि के जातकों के लिए अच्छा फल नहीं करते। सिंह राशि सूर्य की राशि है और सूर्य और शनि में मित्र भाव नहीं होता। इस कारण भी शनि का परिणाम सिंह राशि के जातकों के लिए खराब रहता है। जो पिछला गोचर रहा है शनि का वह भी बहुत ज्यादा अच्छा नहीं रहा है। 29 मार्च 2025 की लगभग 11 बजे के आसपास का समय रात का जब शनि गोचर करेंगे तो जो कुंडली बन रही है तो शनिदेव लोहे के पाए में आ रहे हैं। शनि तो अष्टम भाव में आ ही रहे हैं। चंद्रमा भी अष्टम भाव में आ गए हैं तो इस कारण वो लोहे का पाया हो गया है। सिंह राशि के जातकों के लिए ये शुभ नहीं है तो इनको कुछ सावधानियां जरूर रखनी पड़ेंगी। यह लगभग 1061 दिन का पीरियड है शनि जब गोचर करेंगे तो वही रहेंगे। यह 29 मार्च 2025 से लेकर 23 फरवरी 2028 का पीरियड है। जब शनि वक्री अवस्था में चलते हुए वापस कुंभ राशि में भी आएंगे लेकिन फिर भी समय ऐसा रह जाएगा जब शनि ढैया में रहेंगे और आपको उसके खराब परिणाम मिल सकते हैं।
29 मार्च 2025 से लेकर 29 मई 2025 तक की यानी दो महीने का ज्यादा अच्छा नहीं है। राहु अष्टम भाव से गोचर कर रहे हैं। अष्टम भाव में राहु का गोचर अच्छा नहीं है और शनि यहां पर उसके साथ आकर युति करेंगे। दो महीने के लिए यह 60 दिन का समय है जब आपको विशेष ध्यान रखना है। खास तौर पर अपनी सीक्रेसी को लेकर अपनी ड्राइविंग को लेकर क्योंकि अष्टम भाव हानि का भाव होता है। दो पाप ग्रहों का यहां पर आना एक साथ अच्छा नहीं है। यहां पर दो महीने के लिए जरूर ध्यान रखिएगा। 29 मई को राहु आगे निकल जाएंगे सप्तम में आ जाएंगे लेकिन शनि वहीं पर रहेंगे। शनि यहां पर जब रहेंगे तो तीसरी दृष्टि से आपके दशम भाव को देखेंगे। ये आपका कर्म भाव होता है।
यहां पर थोड़ा सा कारोबार के मामले में ज्यादा स्ट्रगल करना बढ सकता है। जब शनि की ढैया आपके ऊपर चल रही होगी और शनि लोहे के पाय में चल रहे होंगे एक तो यह स्थिति है जहां पर शनि की दृष्टि है वहां पर आपको उसके फल थोड़े से नेगेटिव मिल सकते हैं। शनि की दूसरी दृष्टि यानी कि सप्तम दृष्टि दूसरे भाव के ऊपर जा रही है और यह आपका धन भाव होता है। निश्चित तौर पर जब आपका कर्म प्रभावित हो रहा है तो आपका धन डेफिनेटली प्रभावित होगा। जो आय का भाव होता है और दूसरा भाव होता है। जो धन का भाव होता है 11वें भाव से आया आप अर्जित करते हैं। आप रूटीन में जो कमाते हैं, धन संचित होता है वो दूसरे भाव से होता है। यानी कि जो आप धन जमा कर रहे हैं उसमें थोड़ी सी कमी आ सकती है। आपके सेविंग का या ऑलरेडी जो धन आपके पास है उसमें गिरावट आ सकती है। यहां पर शनि की दृष्टि का प्रभाव आपकी वाणी के ऊपर पड़ेगा। सिंह राशि के जातक छोटी सी बात के ऊपर भी अग्रेसिव हो जाते हैं।
यहां पर जब तक शनि है आपको अपनी वाणी के ऊपर थोड़ा सा कंट्रोल रखना है। आपने अपने इमोशंस के ऊपर कंट्रोल रखना है। ओवर रिएक्शन से बचिए इससे आपको नुकसान हो सकता है। दूसरा भाव आपके कुटुंब का भाव होता है क्योंकि शनि का प्रभाव है आपकी वाणी उसके द्वारा प्रभावित हो रही है। तो निश्चित तौर पर आपके रिलेशनशिप में उसका खराब असर हो सकता है इसलिए इस चीज का खास तौर पर ध्यान रखिए अपना अवर रिएक्शन नहीं करना है। इससे आपका पारिवारिक माहौल नहीं बिगड़ेगा। इसके अलावा इस अवधि के दौरान यदि आप युवा है तो आपको कोई न कोई ईटिंग हैबिट खराब जो है वह आपके साथ जुड़ सकती है। शनि जब यहां पर बैठते हैं तो आखिरी दृष्टि यानी कि दशम दृष्टि उनकी जाती है आपके पंचम भाव के ऊपर। यह बुद्धि-विवेक का भाव होता है। जब पंचम भाव पाप प्रभाव में आ जाता है तो आप कोई भी फैसला करते वक्त बुद्धि और विवेक का कम इस्तेमाल कम करते हैं। शनि पाप प्रभाव में है इसलिए गलत डिसीजन आपसे हो सकता है। इस चीज का खास तौर पर ध्यान रखना है पंचम आपका सुत भाव होता है। यह संतान का भाव है, यहां पर शनि की दृष्टि संतान के पक्ष से यदि आप मैरिड है और आपकी संतान भी है तो संतान के पक्ष से आपको निराशा जनक खबरों खबरें सुनने को मिल सकती हैं। या ऐसा हो सकता है कि यदि आपके घर में प्रेगनेंसी चल रही है तो आपको सावधान रहना चाहिए। शनि के प्रभाव के कारण थोड़ी सी कॉम्प्लिकेशन आ सकती है। इस चीज का खास तौर पर ध्यान रखना है कोशिश करिए कि इस अवधि के दौरान सट्टेबाजी से दूर रहें।
ओम शनि शनिश्चराय नमः का जाप करें।
कोई बिजनेस रन कर रहे हैं आपके पास बहुत सारे काम लोग काम करते होंगे। जो आपसे जूनियर है उनके साथ थोड़ा सा रिस्पेक्टफुली पेश आइए। उनको पॉजिटिव सरप्राइज देते रहिए उससे शनि के रिजल्ट आपको डेफिनेटली अच्छे मिलते हैं।
आपाहिज आश्रम में दान कर सकते हैं लेकिन शाम के समय अपना नाम लेकर अपना गोत्र लेकर उस दिन का नक्षत्र बोलकर वार बोलकर और जिस मकसद से आप दान कर रहे हैं उस मकसद को बोलकर वो दान करिए
काली उड़द की दाल का दान करें।
शनि शिला पर सरसों का तेल अर्पित करें।
नरेश कुमार
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