Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Jul, 2020 10:55 AM
वैसे तो सभी देवी-देवताओं की आराधना कर के उनसे मनचाहा वरदान पाया जा सकता है। देवों के देव महादेव हैं, जो भक्तों पर बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो कर उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
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Sawan 2020: वैसे तो सभी देवी-देवताओं की आराधना कर के उनसे मनचाहा वरदान पाया जा सकता है। देवों के देव महादेव हैं, जो भक्तों पर बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो कर उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। तभी तो उन्हें भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है। उनके लिए भक्त सिर्फ भक्त हैं। वो अच्छे या बुरे भक्त में फ़र्क नहीं करते, उनके लिए सब बराबर हैं। चाहे वो असुर हो या मनुष्य हो वो सभी को एक ही दृष्टि से देखते हैं। भोले शंकर को श्रावण मास अतिप्रिय है। हिन्दू मान्यता के अनुसार श्रावण मास के सोमवार को बहुत ही शुभ माना गया है। इस वर्ष श्रावण मास में एक अद्भुत योग बन रहा है। श्रावण मास 6 जुलाई सोमवार के दिन से प्रारम्भ हो कर 3 अगस्त सोमवार के दिन ही समाप्त होगा। इस तरह इस वर्ष श्रावण मास में 5 सोमवार आएंगे।
पौराणिक कथा के अनुसार जब देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन चल रहा था। मंथन से विष का घड़ा निकला, जिसको न ही देवता और न ही असुर लेने को तैयार हो रहे थे। समस्त लोकों को उस विष से बचाने के लिए भगवान शिव ने उस विष का पान किया, जिस से उनका ताप बढ़ने लगा। देवताओं ने विष का प्रभाव कम करने के लिए भगवान शंकर पर जल चढ़ाना शुरू कर दिया, तभी से सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करने की परम्परा चली आ रही है।
सोमवार के व्रत के दिन प्रातः जल्दी उठाकर स्नान करें। फिर शिव मन्दिर में जाकर शिवलिंग का दूध और जल से अभिषेक करें, उनको बिल्व पत्र, भांग, धतुरा, आलू, चन्दन चढाएं। प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी और शक्कर का भोग लगाएं। शिव भगवान की पूजा में केतकी के फूलों, तुलसी, नारियल के पानी का उपयोग भूल कर भी नहीं करना चाहिए। अंत में भगवान शिव की आरती, शिव चालीसा का पाठ करें या महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी शुभदायक होगा। भगवान शिव भक्तों की पूजा से प्रसन्न हो कर उनको मनवांछित फल प्रदान करते हैं। जिस व्यक्ति को धन-धान्य व मान-सम्मान में वृद्धि की इच्छा हो, वे ये ऊपर बताई गई विधि के अनुसार शिव पूजा अवश्य करे।
ज्योतिषानुसार जिन व्यक्तियों की कुंडली में काल सर्प दोष होता है, उन व्यक्तियों को श्रावण मास के सोमवार को चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए, यह काल सर्प दोष के निवारण का उत्तम उपाय है।
आचार्य लोकेश धमीजा
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